कानपुर: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा गठित विशेष जांच दल (SIT) ने कानपुर के व्यापारी मनीष गुप्ता की गोरखपुर में कथित हत्या के मामले में फरार आरोपी इंस्पेक्टर, 3 सब-इंस्पेक्टरों और 2 कॉन्स्टेबलों पर 25-25 हजार रुपये के नकद इनाम की घोषणा की है। पुलिस ने शुक्रवार को इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि अमेठी निवासी फरार पुलिस इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह, बलिया निवासी सब इंस्पेक्टर अक्षय कुमार मिश्रा, जौनपुर निवासी विजय यादव तथा मिर्जापुर निवासी राहुल दुबे, हेड कॉन्स्टेबल कमलेश सिंह यादव और कांस्टेबल प्रशांत कुमार (दोनों निवासी गाजीपुर) पर इनाम की घोषणा की गई है।
‘सूचना देने वाले का नाम गुप्त रखा जाएगा’
कानपुर की पुलिस उपायुक्त (दक्षिण) रवीना त्यागी ने बताया कि मनीष गुप्ता हत्याकांड में नामजद सस्पेंड किये गये सभी 6 पुलिसकर्मियों पर 25-25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया है। त्यागी ने कहा, ‘अगर किसी व्यक्ति को कानपुर स्थित व्यापारी मनीष गुप्ता की कथित हत्या और फरार पुलिसकर्मियों के बारे में किसी भी प्रकार की जानकारी है, तो कृपया SIT को सूचित करें, और 25 हजार रुपये का नकद इनाम प्राप्त करें।' पुलिस द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘सूचना देने वाले का नाम गुप्त रखा जाएगा।’
‘आरोपियों को पकड़ने के लिए 8 टीमें लगाई गईं’
कानपुर के पुलिस आयुक्त असीम अरुण ने बताया कि अपर पुलिस आयुक्त (अपराध) आनन्द प्रकाश तिवारी के नेतृत्व में गठित SIT टीम के सदस्य मामले की जांच के लिए गोरखपुर में हैं। फरार पुलिसकर्मियों को पकड़ने के लिए पुलिस की 8 टीमों को लगाया गया है। उनकी गिरफ्तारी को जल्द से जल्द सुनिश्चित करने के लिए पूरे उत्तर प्रदेश में छापेमारी की जा रही है। गौरतलब है कि यूपी सरकार ने गोरखपुर में पुलिसकर्मियों द्वारा कथित तौर पर पिटाई के बाद कानपुर के व्यापारी की मौत होने के मामले की जांच CBI से कराने की संस्तुति करते हुए केंद्र सरकार को एक अक्टूबर को प्रस्ताव भेजा है।
सिर में चोट लगने से हुई थी गुप्ता की मौत
राज्य सरकार ने यह भी तय किया है कि जब तक CBI जांच को अपने हाथ में नहीं ले लेती, तब तक मामले की जांच कानपुर में ट्रांसफर की जाएगी और इसकी जांच SIT से कराई जाएगी। गौरतलब है कि सितंबर के आखिरी हफ्ते में गोरखपुर जिले के रामगढ़ ताल इलाके में पुलिस ने एक होटल में तलाशी ली थी। आरोप है कि किसी अन्य व्यक्ति के पहचान पत्र के आधार पर होटल के एक कमरे में रुके 3 व्यवसायियों से पूछताछ के दौरान पुलिस ने उन्हें मारा-पीटा था। उनमें से एक मनीष गुप्ता (36) नामक कारोबारी की सिर में चोट लगने से गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में मौत हो गई थी।