Maharashtra Crime: पुलिस से निलंबन के बाद पैसे की तंगी से गुजर रहे पुलिसकर्मी द्वारा शेयर मार्केट ट्रेडिंग का काम करने वाले शख्स विनय नाईक के अपहरण की साजिश रचने का मामला सामने आया है। इस अपहरण के मामले में पुलिस ने 8 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस छानबीन के अनुसार आरोपी को उसे, पीड़ित शख्स के पास 300 करोड़ रुपए के बिटकॉइन (क्रिप्टो करंसी) होने की जानकारी थी। इसके बाद उसने अपने साथियों के साथ मिलकर अपहरण की साजिश रची। उसने 7 लोगों के साथ मिलकर आरोपी ने पीड़ित शख्स का अपहरण करने की वारदात को अंजाम दिया था।
पुणे से सटे वाकड पुलिस स्टेशन के समीप 14 जनवरी को विनय नाईक नाम के एक व्यक्ति का अपहरण होने की जानकारी पुलिस को मिली। अपह्रत व्यक्ति शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करता था। पिंपरी-चिंचवड शहर के पुलिस कमिशनर कृष्णप्रकाश ने इस मामले में जांच के आदेश दिए। जिस होटल के बाहर से पीड़ित को किडनैप किया गया था। जांच की जानकारी मिलने के बाद आरोपी पीड़ित विनय नाईक को वाकड़ इलाके में छोड़कर भाग गए। अपहरण किए गए विनय नाईक ने पूछताछ में बताया कि 7-8 लोगों ने उसका अपहरण किया था। अपहरणकर्ता उससे 8 लाख नगद और बिटकॉइन की मांग कर रहे थे।
किडनैप के लिए उपयोग की गई कार जब्त
पीड़ित के बयान से मिले सुराग के आधार पर पुलिस ने मुंबई से 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया। साथ ही में अपहरणकर्ताओं ने पीड़ित को किडनैप करने के लिए लिए जिस नीले रंग की कार का इस्तेमाल किया था उसे भी पुलिस ने जब्त कर लिया। आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि, दिलीप खंदारे नाम के पुलिसवाले ने ही किडनैपिंग की पूरी साजिश रची थी और अपहरण करने के बाद पीड़ित को रायगढ़ जिले के अलीबाग के एक होटल में कैद कर रखा गया था।
सायबर क्राइम इनवेस्टीगेशन में माहिर था
इसके बाद अपहरण में शामिल 3 और आरोपियों को पुलिस ने पुणे से गिरफ्तार किया। इन आरोपियों ने बताया कि सायबर पुलिस में काम करने वाले दिलीप खंदारे ने ये पूरी साजिश रची थी। जांच अधिकारियों ने जब मुख्य साजिशकर्ता दिलीप खंदारे की हिस्ट्री निकाली तो पता चला कि दिलीप पुलिस विभाग में सिपाही के पद पर है। उसने एडवांस सायबर क्राइम इनवेस्टीगेशन टेक्नोलॉजी, मोबाइल फोरेंसिक, ऑफिस ऑटोमशन में शिक्षा प्राप्त की है। दिलीप खंदारे पुणे के भोसरी इलाके में आने वाला है। पुलिस ने ट्रैप लगाकर दिलीप को गिरफ्तार कर लिया।
पैसे की तंगी से गुजर रहा था आरोपी
आरोपी पुलिसकर्मी दिलीप खंदारे ने बताया कि, जब वो सायबर क्राइम विभाग में काम करता था उसी दौरान एक केस की जांच के दौरान उसे खबर मिली कि शेअर बाजार ट्रेडर विनय नाईक के पास बहुत सारे बिटकॉइन्स है, जिसकी कीमत 300 करोड़ रुपए है। पुलिस महकमे से निलंबित होने के बाद आरोपी खंदारे पैसे की तंगी से गुजर रहा था। पिंपरी चिंचवड शहर के पुलिस कमिशनर कृष्णप्रकाश ने कहा कि आरोपियों को जानकारी मिली थी की विनय नाईक के पास बड़े पैमाने पर बिटकॉइन्स है।
सायबर पुलिस में था तब मिली थी 300 बिटकॉइन की जानकारी
वाकड पुलिस स्टेशन के सिनिअर पुलिस इंस्पेक्टर डॉ. विवेक मुगलीकर ने इंडिया टीवी से कहा कि आरोपी दिलीप खंदारे निलंबित था। जब वो सायबर पुलिस में काम करता था तभी उसे जानकारी मिली था की विनय नाइक के पास 300 करोड़ के बिटकॉइन्स है। इसी बिटकॉइन्स को हासिल कर अमीर बनने की चाहत दिलीप खंदारे की थी लेकिन जब हमने जांच की तो पता चला की आरोपी खंदारे ने गलत जानकारी के आधार पर इस अपहरण की साजिश रची। इस मामले की आगे की जांच जारी है।