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कोरोना काल में शुरू हुई लव स्टोरी का ऐसे हुआ खौफनाक अंत, जानकर दिल दहल जाएगा

कोरोना लॉकडाउन में शुरू हुई प्रेम कहानी का अंत मौत के खौफनाक मंजर से हुआ। असम के गोलाघाट की इस घटना के बारे में जानकर आपकी रूह कांप उठेगी।

Written By: Kajal Kumari
Updated on: July 26, 2023 21:27 IST
horrific murder case- India TV Hindi
Image Source : TWITTER IMAGE असम में ट्रिपल मर्डर केस

गुवाहाटी: असम के गोलाघाट जिले में कोविड लॉकडाउन में शुरू हुई प्रेम कहानी का खौफनाक अंत हो गया है। 25 वर्षीय नाज़ीबुर रहमान बोरा और 24 वर्षीय संघमित्रा घोष के बीच लव अफेयर जो शादी में बदला और फिर पति-पत्नी के बिगड़े संबंध में। इसके बाद इस प्रेम कहानी का अंत सोमवार को भयानक अपराध में बदल गया, जब नाजीबुर रहमान बोरा ने पत्नी के माता-पिता और उसकी हत्या कर दी और अपने नौ महीने के बच्चे को गोद में लेकर पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करने पहुंच गया। पुलिस भी हत्या की इस घटना को सुनकर हैरान थी।  

लॉकडाउन से शुरू हुई प्रेम कहानी का दुखद अंत

पुलिस के अनुसार, पेशे से मैकेनिकल इंजीनियर नाज़ीबुर और संघमित्रा कोविड महामारी के दौरान जब पूरे देश में लॉकडाउन लगा था उस दौरान जून 2020 में फेसबुक पर दोस्त बन गए। कुछ ही महीनों में दोस्ती प्यार में बदल गई और उसी साल अक्टूबर में दोनों भागकर कोलकाता चले गए। संघमित्रा के माता-पिता इस शादी से नाराज थे और उन्होंने बेटी को वहां से वापस घर लेकर आ गए, लेकिन उसने पहले ही कोलकाता की अदालत में नाज़ीबुर से शादी कर ली थी।

अगले साल, संघमित्रा के माता-पिता संजीव घोष और जुनु घोष ने खुद की बेटी पर चोरी का आरोप लगाते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। जिसके बाद संघमित्रा को गिरफ्तार कर लिया गया और एक महीने से अधिक समय तक न्यायिक हिरासत में रखा गया। पुलिस ने कहा कि जमानत मिलने के बाद वह अपने माता-पिता के घर लौट आई थी।

जनवरी 2022 में, संघमित्रा और नाज़ीबुर फिर से घर से भाग गए और इस बार वे चेन्नई चले गए, जहां वे पांच महीने तक रहे। जब दंपति अगस्त में असम के गोलाघाट लौटे, तो संघमित्रा गर्भवती थी। पुलिस ने कहा कि वे नाज़ीबुर के घर पर रहने लगे और पिछले नवंबर में उनका एक बेटा हुआ।

प्रेम कहानी का अजब-गजब मामला

हालांकि, चार महीने बाद, इस साल मार्च में, संघमित्रा ने अपने नवजात बेटे के साथ नाज़ीबुर का घर छोड़ दिया और अपने माता-पिता के घर चली गई। उसने नजीबुर पर उसे प्रताड़ित करने का आरोप लगाया और पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। हत्या के प्रयास का मामला भी दर्ज किया गया और नजीबुर को गिरफ्तार कर लिया गया। 28 दिनों के बाद उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया।

जेल से बाहर आने के बाद नाज़ीबुर अपने बच्चे से मिलना चाहता था, लेकिन संघमित्रा के परिवार ने उन्हें मिलने नहीं दिया। दरअसल, 29 अप्रैल को नजीबुर के भाई ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें संघमित्रा और उसके परिवार के सदस्यों पर नजीबुर पर हमला करने का आरोप लगाया था।

सोमवार, 24 जुलाई की दोपहर को, जब दोनों पक्षों के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया, नाज़ीबुर ने अपनी पत्नी संघमित्रा और उसके माता-पिता की हत्या कर दी। इसके बाद वह अपने नौ महीने के बच्चे को लेकर भाग गया। बाद में उसने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। घोष के घर पर, संघमित्रा और उसके माता-पिता के शव चाकू के घाव से बह रहे खून से लथपथ थे।

हत्याकांड की होगी जांच

असम पुलिस प्रमुख जीपी सिंह ने ट्वीट किया, "आरोपी के खिलाफ हत्या और घर में अतिक्रमण का मामला दर्ज किया गया है।" इस जघन्य हत्याकांड की जांच के लिए राज्य सीआईडी ​​टीम को लगाया गया है। पुलिस ने कहा कि फोरेंसिक टीमों को भी बुलाया गया है और आगे की जांच जारी है।

घटना के बारे में मुख्यमंत्री सरमा ने संवाददाताओं से कहा कि पीड़िता की बहन अंकिता को भी आरोपियों ने पीटा था। उन्होंने कहा “घटना के संबंध में, उसने मुझे एक पत्र लिखा था, लेकिन मैं उसे भूल गया। आम तौर पर, मुझे कई पत्र मिलते हैं, लेकिन मुझे यह नहीं मिला।'' 

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