केरल के कासरगोड जिले में एक विभत्स मामला देखने को मिला है। दरअसल कासरगोड में 18 साल पहले जिस लड़की की हत्या हुई थी, उस लड़की के माता-पिता को अब उनकी बेटी के अवशेष मिले हैं। दरअसल कासरगोड जिले की अदालत ने एक छोटे से गत्ते के डिब्बे को दंपत्ति को दिया। दंपत्ति ने जब उस गत्ते के डिब्बे को लिया तो उनकी आंखें भर आईं और शरीर के अंदर उमड़ रही भावनाओं के कारण वे कांप रहे थे। दरअसल इस गत्ते के डिब्बे में कुछ और नहीं बल्कि उनकी बेटी की खोपड़ी और शरीर के अन्य अवशेष थे, जिसकी 18 साल पहले गोवा में हत्या कर दी गई थी।
गोवा में हुई थी नाबालिग की हत्या
दरअसल 18 साल पहले 13 वर्षीय लड़की की गोवा में हत्या कर दी गई थी। पुलिस के मुताबिक, साल 2006 में 13 साल की सोफिया की गोवा में निर्मम हत्या कर दी गई थी। इस समय वह कासरगोड़ के एक ठेकेदार के.सी. हमसा के घरेलू सहायिका के रूप में काम कर रही थी। पुलिस ने बताया कि सोफिया कथित तौर पर रसोई घर में गंभीर रूप से जल गई थी। इस दौरान सजा के डर से हमसा ने सोफिया की हत्या कर दी और उसके शरीर को पहले तो टुकड़ों में काटा, इसके बाद नाबालिग के शव को गोवा में बन रहे एक निर्माणाधीन बांध स्थल पर फेंक दिया।
कोर्ट ने परिजनों को सौंपी खोपड़ी और अवशेष
बता दें कि इसके ठीक 2 साल बाद सोफिया के शव के टुकड़ों को 2008 में बरामद किया गया। बता दें कि इस मामले के सामने आने के बाद आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया और साल 2015 में स्थानीय अदालत ने आरोपी को दोषी पाते हुए मौत की सजा सुनाई थीं, हालांकि केरल के उच्च न्यायालय ने 2019 में उसकी सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया। अदालत द्वारा दोषी को सजा दिए जाने के बाद माता-पिता को लगा कि उनकी बेटी कम से कम औपचारिक, सम्मानजक अंतिम संस्कार की हकदार थी। परिवार चाहता था कि उनकी लड़की का पार्थिव शरीर के अवशेष कोर्ट उन्हें सौंप दे ताकि उसका रीति-रिवाजों के अनुसार अंतिम संस्कार हो सके। सोमवार को कोर्ट ने लड़की की खोपड़ी और अवशेषों को माता-पिता को सौंप दिया।
(इनपुट-भाषा)