देश को अंग्रेजों से आजादी सन 1947 में ही मिल गई थी। लेकिन कुछ गुलामी वाली मानसिकता हमारे देश में अभी भी बाकी है। उच्च वर्ग के लोगों को यह पसंद नहीं है कि उनके नल व टंकियों से कोई निचली जाति का व्यक्ति पानी पी ले। कुछ उच्च वर्ग के लोग नहीं चाहते कि उनके सामने नीची जाति के लोग बैठें या और कुछ भी। ऐसे उदाहरणों की कमी नहीं है।
कुछ ऐसा ही हुआ कर्नाटक के एक गांव में। यहां उच्च जाति के लोगों की टंकी से एक दलित महिला ने पानी पी लिया। इसके बाद पानी की टंकी से सारा पानी बहा दिया गया और फिर बाद में टंकी को गौमूत्र से 'शुद्ध' किया गया। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अनुसूचित जाति की एक महिला कर्नाटक के चामराजनगर जिले के हेगगोतारा गांव में एक विवाह समारोह में शामिल होने के लिए आई थी। महिला ने उच्च जाति के लोगों के इलाके में लगी पानी की टंकी से पानी पी लिया। जब लोगों को इस बारे में मालुम हुआ तो उन्होंने पहले टंकी के सारे पानी को बहा दिया और उसे गौमूत्र से साफ़ किया गया।
महिला की तलाश जारी, आरोपियों पर दर्ज होगा भेदभाव का मामला
इस मामले में बारे में जानकारी देते हुए स्थानीय क्षेत्राधिकारी बसवराज ने बताया कि, "उन्हें इस घटना के बारे में सूचना मिली है। पानी की टंकी को धोया गया था, लेकिन गौमूत्र से टंकी धोए जाने की पुष्टि नहीं की जा सकती है।" उन्होंने कहा किकिसी ने भी महिला को उस टंकी से पानी पीते नहीं देखा ता और न ही उसे कोई जानता है। अधिकारी ने बताया कि, वे महिला की तलाश कर रहे है और उसके बार भेदभाव का मामला दर्ज किया जायेगा