Friday, November 22, 2024
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कानपुर स्टेशन: रात के ढाई बजे ट्रेन में चढ़ी दिल्ली पुलिस, 6 दिन के बच्चे को किया रेस्क्यू, जानिए क्या है पूरा मामला

DCP ने बताया कि दिल्ली पुलिस की एक टीम ने आखिरकार उन्हें कानपुर सेंट्रल पर स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस में लगभग रात 2.30 बजे पाया और शिशु को बचाया। 

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: June 18, 2021 10:05 IST
kanpur central railway station Swatantra Senani Express infant rescued from train delhi police कानपु- India TV Hindi
Image Source : PTI कानपुर स्टेशन: रात के ढाई बजे ट्रेन में चढ़ी दिल्ली पुलिस, 6 दिन के बच्चे को किया रेस्क्यू, जानिए क्या है पूरा मामला

नई दिल्ली. नवजात बच्चे को बेचे जाने का एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। दिल्ली पुलिस ने एक 6 दिन के बच्चे को बेचे जाने का मामले का खुलासा किया है और इस मामले में उसके मां-बाप समेत 6 लोगों को गिरफ्तार किया है। इन लोगों पर आरोप है कि इन्होंने नवजात शिशु को 3.6 लाख रुपये में बेचा था। गिरफ्तार किए गए लोगों में एक निसंतान दंपत्ति भी शामिल है, जिन्होंने अपने रिश्तेदार और दोस्त की मदद से बच्चे को खरीदा था।

अब बाल कल्याण समिति ने शिशु को सरिता विहार स्थित चाइल्ड केयर सेंटर भेज दिया है। नवजात के जैविक माता-पिता की पहचान गुड़गांव के सिकंदरपुर निवासी गोविंद कुमार (30) और उनकी पत्नी पूजा देवी (22) के रूप में हुई है। इनके पास से 40-40 हजार रुपए के चार चेक और 15 हजार रुपए नकद बरामद किए गए हैं। इस मामले में गिरफ्तार किए गए अन्य लोगों की पहचान बिहार के मधुबनी निवासी 50 वर्षीय विद्याानंद यादव और उनकी पत्नी रामपरी देवी (45) और रमन कुमार यादव (32) और हरिपाल सिंह (50) के रूप में हुई है।

पुलिस को कैसे मिली मामले की सूचना

दरअसल दिल्ली पुलिस को बच्चे के अपहरण की कॉल आई थी। जिसके बाद मौके पर पहुंची दिल्ली पुलिस को नवजता के पिता गोविंद गुमार ने बताया कि उसकी पत्नी ने 8 जून को एक बच्चे को जन्म दिया था। गोविंद ने पुलिस को बताया कि वो अपने दोस्त हरिपाल सिंह के घर पर रह रहे थे। हरिपाल ने उन्हें घर में बंद कर उनका बच्चे उनसे ले लिया। पुलिस ने पहले इस मामले को पहले किनडैपिंग केस के रूप में दर्ज किया था।

संदिग्ध पाया गया मां-बाप का व्यवहार
पुलिस उपायुक्त (दक्षिण) अतुल ठाकुर ने कहा कि माता-पिता का व्यवहार संदिग्ध पाया गया और कुमार ने बाद में कहा कि उन्हें आया नगर में हरिपाल सिंह के घर का एड्रेस मालूम नहीं है। उसने पुलिस को एक बंद घर दिखाया, लेकिन हरिपाल आखिरकार आया नगर में दूसरी जगह से पकड़ा गया। हरिपाल ने दावा किया कि शिशु को उसके माता-पिता ने मोती बाग के संजय कैंप निवासी रमन को दिया था। जब रमन ने भी पुलिस को यही बात कही तो पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।

ट्रेन से रेस्क्यू किया गया बच्चा
रमन ने पुलिस को बताया कि दंपति, उनके रिश्तेदार बच्चे को लेकर दिल्ली से चले गए थे। DCP ने बताया कि दिल्ली पुलिस की एक टीम ने आखिरकार उन्हें कानपुर सेंट्रल पर स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस में लगभग रात 2.30 बजे पाया और शिशु को बचाया। इन्होंने बताया कि जांच में यह पाया गया कि बिहार के दंपति की शादी को 25 साल हो चुके थे, लेकिन उनकी कोई संतान नहीं थी। इसलिए उन्होंने रमन के जरिए हरिपाल से संपर्क किया और नवजात को खरीदा। उन्होंने बताया कि नवजात के मां-बाप ने शुरुआत में 4 लाख रुपये की डिमांड की थी।

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