कानपुर. यूपी सरकार ने गैंगस्टर विकास दुबे के सहयोगी जय वाजपेयी की संपत्ति की जांच आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय से करवाने का फैसला किया है। गृह विभाग के प्रवक्ता ने यह जानकारी देते हुए बताया कि अभियुक्त जयकांत बाजपेई द्वारा अवैध रूप से अर्जित की गई संपत्ति के प्रकरण को प्रथम दृष्टया सत्य प्रतीत होना बताते हुए उक्त एजेंसियों से जांच कराने का अनुरोध शासन से किया गया है।
बयान में जानकारी दी गई है कि प्रदेश के गृह विभाग द्वारा इस संबंध में मुख्य आयकर आयुक्त, आयकर विभाग लखनऊ और संयुक्त निदेशक, प्रवर्तन निदेशालय लखनऊ से अभियुक्त जयकांत बाजपेई की संपत्ति की विस्तृत जांच कराते हुए कृत कार्यवाही से प्रदेश सरकार को भी अवगत कराए जाने का अनुरोध किया गया है।
आपको बता दें कि जयकांत बाजपेई मारे जा चुके गैंगस्टर विकास दुबे का खजांची है। उसे एक हफ्ते पहले ही गिरफ्तार किया गया है। पुलिस की ओर से जारी बयान में कहा गया था कि जयकांत पर आपराधिक साजिश करने और विकास दुबे को बिकरू मुठभेड़ से पहले दो लाख रूपये तथा रिवाल्वर के 25 कारतूस देने का आरोप है।बयान में पुलिस ने ये भी कहा कि विवेचना में पाया गया कि जयकांत बाजपेयी और उसके दोस्त प्रकाश शुक्ला ने बिकरू कांड से पहले कुख्यात अपराधी विकास दुबे के घटना को अंजाम देने के षडयंत्र में संलिप्त रह कर मदद की। इसमें कहा गया है कि एक जुलाई को विकास दुबे ने जयकांत बाजपेयी को फोन किया, इसके बाद उसने अपने साथी प्रशांत शुक्ला के साथ दो जुलाई को बिकरू गांव पहुंचकर विकास दुबे को दो लाख रूपये नकद एवं रिवाल्वर के 25 कारतूस दिये और घटना को अंजाम देने में उसकी सहायता की।
पुलिस ने बयान में आगे बताया कि योजना के मुताबिक बाजपेयी और उसके साथी ने विकास दुबे व उसके गिरोह को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के लिये तीन लग्जरी गाड़ियों चार जुलाई को लेकर जा रहा था और पुलिस की सक्रियता की वजह से उनलोगों ने तीनो वाहनों को काकादेव थाना क्षेत्र में छोड़ गया था ।