नई दिल्ली/जामताड़ा: 'जामराड़ा' वेब सीरीज में एक डायलॉग है, 'सबका नंबर आएगा' लेकिन इस बार जामराड़ा गैंग का ही नंबर आ गया है। दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने झारखंड के जामताड़ा से 14 लोगों को गिरफ्तार कर साइबर ठगी करने वाले एक बड़े गैंग का भंडाफोड़ किया है। इस गैंग का मास्टमाइंड भी पकड़ा गया है, जिसका जामताड़ा इलाके में करोड़ो का घर और महंगी गाड़िया हैं। डीसीपी साइबर सेल अनियेश रॉय के मुताबिक, ऑपरेशन साइबर प्रहार के तहत इस बार उनकी टीम ने झारखंड के जामताड़ा को निशाने पर लिया, जो साइबर ठगी का हब है और इस इलाके में बैठकर साइबर ठग पूरे देश के लोगों के साथ ठगी करते हैं।
रॉय के मुताबिक, इसी ऑपरेशन के तहत पुलिस की एक टीम जामताड़ा इलाके में करीब एक हफ्ते तक रही और 14 लोगों को गिरफ्तार किया। इस गैंग का मास्टरमाइंड अल्ताफ है, उसे रॉकस्टार भी कहा जाता है क्योंकि उसे साइबर ठगी में महारथ हासिल है। अल्ताफ के गैंग में दर्जनों लोग हैं और हर किसी का अलग-अलग काम है। इस गैंग के लोग यूपीआई पेमेंट करने के नाम पर ठगी को अंजाम देते हैं।
केवाईसी अपडेट करने के नाम पर या फिर अलग-अलग बैंक के फर्जी ऐप और साइट्स बनाकर ठगी करते हैं। ऐप के या बैंक के फर्जी लिंक भेजते हैं और फिर ऑनलाइन ठगी कर लेते हैं। अभी तक ये करोड़ों की ठगी कर चुके हैं। इस गैंग के पकड़े जाने से 9 राज्यों में साइबर ठगी के 36 केस सुलझे हैं, जिसमें 1.2 करोड़ रुपये ठगे गए हैं। पुलिस के अनुसार, गैंग का एक सदस्य हर रोज कम से कम 40 लोगों को कॉल करता था, जिसमें 4-5 लोग फंस जाते थे।
गिरफ्तार किए गए 14 लोगों में एक आरोपी मास्टर जी उर्फ गुलाम अंसारी है, जो फर्जी वेबसाइट बनाने में माहिर था और इन वेबसाइट्स को गूगल ऐड के जरिए पुश करता था। अल्ताफ (गैंग का मास्टरमाइंड) इस काम के लिए हर रोज मास्टर जी को 40-50 हजार रुपये देता था। इस गैंग के लोग पुलिस ने बचने के लिए छोटे-छोटे मॉड्यूल में काम कर रहे थे। ये ग़ाज़ियाबाद के लोनी, कलकत्ता और लखनऊ से भी काम कर रहे थे।
पुलिस ने गैंग के 400 फोन भी ब्लॉक करवा दिए हैं। गिरफ्तारी के वक्त अल्ताफ कार में बैठकर बंगाल भागने की कोशिश कर रहा था। पुलिस ने 100 किलोमीटर तक उसका पीछा किया और गिरफ्तार कर लिया। ठगी के पैसे से अल्ताफ ने जामताड़ा में 2 करोड़ रुपये की कीमत का घर और लाखों रुपये की गाड़ियां खरीदी हैं, जो पुलिस ने जब्त कर ली हैं।
इस गिरोह के लोगों ने भरतपुर की रहने वाली महिलाओं को भी अपनी ठगी का शिकार बनाया है। साइबर सेल के मुताबिक, प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के तहत महिलाओं को 5000 रुपये दिए जाते है। इस ठग गिरोह ने सरकारी अधिकारी बन कर भरतपुर के एक सेंटर से पहले महिलाओं की जानकारी और उनके फोन नंबर निकाले, फिर बाद में उन्हीं महिलाओं को कॉल करके उनके बैंक एकाउंट को ही साफ कर दिया।