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क्या 'जैश-उल-हिन्द' है इंडियन मुजाहिद्दीन का मुखौटा, तिहाड़ से कैसे दिल्ली-टू-मुम्बई रची गयी आतंकी साजिश?

देश की सबसे सुरक्षित माने जाने वाली तिहाड़ जेल के अंदर कैद इंडियन मुजाहिद्दीन (IM) के खूंखार आतंकी तहसीन अख्तर के बैरक से बरामद हुए मोबाइल फ़ोन ने इंडियन मुजाद्दीन की साजिश को बेनकाब कर दिया।

Reported by: Abhay Parashar @abhayparashar
Published on: March 12, 2021 17:36 IST
क्या 'जैश-उल-हिन्द' है इंडियन मुजाहिद्दीन का मुखौटा, तिहाड़ से कैसे दिल्ली-टू-मुम्बई रची गयी आतंकी सा- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV क्या 'जैश-उल-हिन्द' है इंडियन मुजाहिद्दीन का मुखौटा, तिहाड़ से कैसे दिल्ली-टू-मुम्बई रची गयी आतंकी साजिश?

नई दिल्ली। देश की सबसे सुरक्षित माने जाने वाली तिहाड़ जेल के अंदर कैद इंडियन मुजाहिद्दीन (IM) के खूंखार आतंकी तहसीन अख्तर के बैरक से बरामद हुए मोबाइल फ़ोन ने इंडियन मुजाद्दीन की साजिश को बेनकाब कर दिया। सलाखों के पीछे से देशभर की जांच एजेंसियों को खुली चुनौती दी जा रही है। 

जांच एजेंसियों का मानना है कि तिहाड़ से बरामद  मोबाइल फोन से ही टेलीग्राम चैनल बनाकर जैश उल हिन्द नाम के संगठन ने मुकेश अम्बानी के एंटीलिया के पास विस्फोटक रखने की ज़िम्मेदारी ली थी। मुम्बई पुलिस की जानकारी के बाद गुरुवार शाम दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल तिहाड़ जेल पहुँची और तिहाड़ प्रशासन के साथ मिलकर सर्च ऑपरेशन चलाया गया। तिहाड़ की जेल नंबर 8 में बंद इंडियन मुजाहिद्दीन के आतंकी तहसीन अख्तर के बैरेक से ये मोबाइल फ़ोन बरामद हुआ।

मतलब साफ है कि तिहाड़ जेल में बैठकर तहसीन अख्तर हिंदुस्तान में एक बाद फिर अपनी जड़ें मजबूत करने में लगा था वो भी एक नए नाम के साथ जैश-उल-हिन्द। सूत्रों के मुताबिक, जेल में बैठकर मुम्बई में एंटीलिया के नजदीक विस्फोटक रखकर इंडियन मुजाहिद्दीन ने देश भर की जांच एजेंसियों को खुली चुनौती भी दी है। सूत्रों के मुताबिक, इसी मोबाइल से टोर ब्राउजर के जरिये डार्क नेट पर वर्चुअल नम्बर क्रिएट किया गया औऱ फिर उसी से एंटीलिया के पास बरामद विस्फोटक के बाद धमकी भरा पोस्ट तैयार किया गया था। 

दरअसल, स्पेशल सेल को इजरायल एम्बेसी के पास हुए धमाके की जांच के दौरान ये पता चला था कि जिस नंबर से टेलीग्राम के जरिये जैश उल हिन्द नाम के संगठन ने धमाके की ज़िम्मेदारी ली थी वो नंबर तिहाड़ जेल में एक्टिव था। स्पेशल सेल इसकी जांच कर ही रही थी कि तभी मुंबई में अंबानी के घर के नजदीक मिले विस्फोटक के बाद जो धमकी भरा लैटर आया उसमे भी जैश उल हिन्द नाम के इसी संगठन ने जिम्मेदारी ली। जब मुम्बई पुलिस ने टेक्निकल सर्विलेंस के जरिए जांच की तो पता लगा ये नम्बर भी दिल्ली की तिहाड़ जेल से एक्टिव है।  इसके बाद मुम्बई पुलिस ने एक टॉप सीक्रेट लेटर के जरिये दिल्ली पुलिस मुखिया को इसकी जानकारी दी। उसके बाद ये बड़ा खुलासा हुआ कि दोनों मामलों में एक ही मोबाइल नंबर 9311620819 जो कि पूर्वी दिल्ली के रघुबरपुरा इलाके के जयदीप नाम के शख्स पर रजिस्टर्ड था, उसका इस्तेमाल हुआ। इस नंबर की जांच करते हुए एक और संदिग्ध नंबर 9711**9888 भी स्पेशल सेल के सामने आया है। इस नंबर की मदद से ही तहसीन अख्तर के पास से बरामद मोबाइल नंबर को एक्टिवेट किया गया था।

स्पेशल सेल सूत्रों के मुताबिक, इस फोन का इस्तेमाल तिहाड़ जेल में आतंकी तहसीन अख्तर के अलावा कुछ और आतंकी भी कर रहे थे। पुलिस जल्द ही तहसीन अख्तर को रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी। जिससे ये साफ हो कि इस साजिश के पीछे इन आतंकियों का हाथ हैं या नही। कही ये एक बड़ी साजिश का हिस्सा मात्र तो नही।

तिहाड़ जेल ने भी इंटरनल जांच शुरू कर दी है कि आखिर तिहाड़ जेल में आतंकी के बैरक में मोबाइल फोन कैसे पहुंचा, स्पेशल सेल की जांच के बाद तिहाड़ जेल प्रसाशन ने बैरक से मोबाइल फोन रिकवर करकर स्पेशल सेल को ये मोबाइल सौप दिया है और जल्द ही कोर्ट में एप्लिकेशन लगाकर स्पेशल सेल आतंकी तहसीन अख्तर की कस्टडी की मांग करके उससे पूछताछ करेगी। हालांकि जिस तरह से दोनों बेहद संवेदनशील मामलों की साजिश दिल्ली की तिहाड़ जेल से रची जाना और कुख्यात आतंकी के बैरक से मोबाइल मिलना तिहाड़ जेल प्रसाशन पर बेहद गंभीर सवाल खड़े करते है।

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