Highlights
- पुलिस ने 2 लोगों को गिरफ्तार किया है जो बांग्लादेश बॉर्डर से 8 लाख रुपये के जाली नोट सप्लाई करने के लिए ला रहे थे।
- एजेंसियों को शक है कि जाली नोट पाकिस्तान से हवाई रूट से गल्फ कंट्री होते हुए नेपाल और बांग्लादेश पहुंच रहे हैं।
- तस्करों के पास से बरामद 2 हजार रुपये के नकली नोटों को देखकर असली और नकली में फर्क करना मुश्किल है।
नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने फेक करंसी के एक इंटरनेशनल रैकेट का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने 2 सप्लायरों को गिरफ्तार किया है जो बांग्लादेश बॉर्डर से 8 लाख रुपये के जाली नोट भारत में सप्लाई करने के लिए ला रहे थे। एजेंसियों को शक है कि जाली नोट पाकिस्तान से हवाई रूट से गल्फ कंट्री होते हुए नेपाल और बांग्लादेश पहुंच रहे हैं। इसके बाद जाली नोटों का जखीरा अलग-अलग इंटरनेशनल बॉर्डर से भारत में पहुंच रहा है। तस्करों के पास से बरामद 2 हजार रुपये के नकली नोटों को देखकर असली और नकली में फर्क करना मुश्किल है।
फिरोज शेख और मुफफाजुल शेख गिरफ्तार
दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने भारत में नकली नोटों की सप्लाई करने वाले इंटरनेशनल सिंडिकेट का भंडाफोड़ करते हुए फिरोज शेख और मुफफाजुल शेख को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों के पास से 2-2 हजार रुपये के फाइन क्वॉलिटी के जाली नोट बरामद किए गए हैं। आरोपियों के पास से कुल 8 लाख रुपये के जाली नोट बरामद किए गए हैं। अफसरों ने जब इन जाली नोटों को देखा तो असली और नकली में फर्क करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ा। दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के DCP जसमीत सिंह ने बताया कि ये जाली नोट बांग्लादेश बॉर्डर से मालदा जिला वेस्ट बंगाल पहुंचा था जहां से आरोपी इसे लेकर दिल्ली में सप्लाई करने के लिए ला रहे थे।
दोनों आरोपी पश्चिम बंगाल के रहने वाले
स्पेशल सेल के मुताबिक 42 साल का फिरोज शेख और 52 साल का मुफफाजुल शेख पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं। दोनों को कलालजी मंदिर के पास बस स्टैंड से गिरफ्तार किया गया। डीसीपी जसमीत सिंह ने बताया कि अक्टूबर में हमारी टीम को जानकारी मिली थी कि बांग्लादेश-पश्चिम बंगाल बॉर्डर के मालदा इलाके में कुछ जाली नोटों के इंटरनेशनल सप्लायर ऐक्टिव हुए हैं जो बांग्लादेश से जाली नोट मालदा ला रहे हैं। इस इनपुट पर टीम ने काम करना शुरू किया। जांच में ये भी पता चला कि फिरोज और मुफफाजुल शेख दिल्ली, बिहार और वेस्ट बंगाल के अलावा देश के अलग अलग हिस्सों में में काफी जाली नोटों की सप्लाई पहले भी कर चुके हैं।
सलाम नाम के शख्स ने दिए थे जाली वोट
फिरोज ने पूछताछ में बताया कि बरामद 8 लाख रुपये के जाली नोट उसे मुर्शिदाबाद के रहने वाले सलाम नाम के शख्स ने दिया था। ये जाली नोट दिल्ली में सप्लाई किए जाने थे। दोनों ने पूछताछ में बताया कि पिछले 5 साल से देश के अलग-अलग इलाकों में ये लोग जाली नोटों की सप्लाई कर रहे हैं। आरोपियों ने बताया कि ये 1 लाख के जाली नोट 30 हजार रुपये में खरीदते थे फिर 40 से 45 हजार रुपये में बेचते थे। दोनों आरोपियों ने कबूला कि पिछले 2 सालों में 2 करोड़ रुपये के जाली नोट दिल्ली समेत अलग-अलग राज्यों में सप्लाई कर चुके हैं।
पिछले 4 साल से ऐक्टिव हुए जाली नोटों के सिंडिकेट
स्पेशल सेल के मुताबिक, 2016 में नोटबंदी के बाद लगभग 1 साल तक बांग्लादेश और पाकिस्तान से जाली नोटों की सप्लाई पूरी तरह बंद हो गई थी, लेकिन पिछले 4 साल से जाली नोटों के सिंडिकेट फिर से ऐक्टिव हो गए हैं। नेपाल और बांग्लादेश में जाली नोटों के केस की जांच से पता चलता है कि जाली नोटों की बड़ी खेप पाकिस्तान से गल्फ कंट्री के रास्ते सबसे पहले नेपाल और बांग्लादेश हवाई रूट से तस्करी के जरिए पहुंचाई जा रही है। उसके बाद इंटरनेशनल बॉर्डर के जरिए भारत में इनकी सप्लाई हो रही है। स्पेशल सेल भारत में फैले इस इंटरनेशनल सिंडिकेट के कुछ लोगों की पहचान कर चुकी है और जल्द ही उनको गिरफ्तार किया जायेगा।