शिमला: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को धमकी देने के मामले में पुलिस ने यहां खालिस्तान समर्थक समूह ‘सिख्स फॉर जस्टिस’ (एसएफजे) के सदस्य गुरपतवंत सिंह पनुन के खिलाफ देशद्रोह समेत अन्य धाराओं में शनिवार को मुकदमा दर्ज किया। एक आधिकारिक प्रवक्ता ने यह जानकारी दी। एसएफजे की तरफ से एक दिन पहले कथित तौर पर धमकी दी गई थी कि हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को राज्य में तिरंगा नहीं फहराने दिया जाएगा। शिमला के पत्रकारों को सुबह 10 बजकर 54 मिनट पर किए गए पहले से रिकॉर्ड किए गए फोन कॉल में यह धमकी दी गई।
कॉल करने वाले व्यक्ति ने स्वयं को गुरपतवंत सिंह पनून बताया और कहा था कि वह एसएफजे संगठन का वकील (जनरल काउंसल) है। उस व्यक्ति ने कहा था, ‘‘हम जयराम ठाकुर को तिरंगा नहीं फहराने देंगे।’’ उसने यह भी कहा कि यह वाशिंगटन डीसी से संगठन के वकील की ओर से कहा गया है। उसने अंग्रेजी में कहा, ‘‘हिमाचल प्रदेश पंजाब का हिस्सा था और हम पंजाब में जनमत संग्रह कराने की मांग करते हैं। पंजाब को आजाद करवाने के बाद हम हिमाचल प्रदेश के उन इलाकों को अपने कब्जे में लेंगे जो पंजाब का हिस्सा थे।’’
प्रवक्ता ने कहा कि प्राथमिकी भारतीय दंड संहिता की धारा 124 (देशद्रोह), 153-ए (सौहार्द को नुकसान पहुंचाने का कृत्य), 120बी (आपराधिक साजिश) और 506 (भयभीत करना), गैर-कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम1967 की धारा 13 और आईटी अधिनियम के तहत दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि कई पत्रकारों और नागरिकों के फोन पर आयी कॉल के आधार पर यह मुकदमा दर्ज किया गया है।
प्रवक्ता ने कहा कि केंद्र सरकार ने भारत-विरोधी गतिविधियों के चलते खालिस्तान समर्थक एसएफजे पर 10 जुलाई 2019 को प्रतिबंध लगाया था। उन्होंने कहा कि शुरुआती जांच में सामने आया है कि ये ऑडियो क्लिप अंतरराष्ट्रीय नंबरों से भेजी गईं। प्रवक्ता ने कहा कि कॉल करने वाले के बारे में पता लगाने के लिए जांच जारी है।