Highlights
- आरोपी मनीष गृहणियों को उनकी ज्वैलरी मोर्टगेज करवाकर लोन के पैसे को स्कीम्स में लगाने का दावा करता था।
- जांच में पता चला कि वह 39 इन्वेस्टर्स को ऐसी स्कीम्स के जाल में फंसाकर लगभग 2 करोड़ रुपए लोगों से ऐंठ चुका है।
- शिकायतों के बाद मनीष पुलिस की जांच में शामिल न होकर तकरीबन 2 करोड़ रुपये लेकर फरार हो गया।
नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने मल्टी लेवल मार्केटिंग पॉन्जी स्कीम नाम से स्कैम (घोटाला) करने वाले आरोपी मनीष कुमार सिंह को गिरफ्तार किया है। आरोपी मनीष गृहणियों को उनकी ज्वैलरी मोर्टगेज करवाकर लोन के पैसे को स्कीम्स में लगाने का दावा करता था और साथ ही फर्जी मार्केटिंग कंपनियों के लिए एजेंट के तौर पर भी काम करता था। अब तक कि जांच में तकरीबन 39 इन्वेस्टर्स को ऐसी स्कीम्स के जाल में फंसाकर ये लगभग 2 करोड़ रुपए लोगो से ऐंठ चुका है।
EOW यानी आर्थिक अपराध शाखा की जॉइंट कमिश्नर छाया शर्मा के मुताबिक दिल्ली की रहने वाली एक ग्रहणी प्रोमिला जैन ने शिकायत दी कि मनीष सिंह नाम के शख्स ने महीने के बढ़िया ब्याज देने का लालच देकर उन्हें मल्टी लेवल मार्केटिंग स्कीम्स में इन्वेस्ट करवाया और कुछ समय बाद न तो आरोपी ने ब्याज दिया और न ही पैसे वापिस किए। इसी दौरान कुछ और पीड़ितों की शिकायतें आने लगी। जांच में सामने आया कि आरोपी ने रोहिणी इलाके की ऐसी कई गृहणियों को इन स्कीम्स के जाल में फंसाकर उनके साथ धोखाधड़ी की है और उसके पास किसी संस्थान से इस तरह की स्कीम्स चलाने की कोई परमिशन भी नहीं थी।
शिकायतों के बाद मनीष ने रोहिणी इलाके से अपना घर बदल दिया और पुलिस की जांच में शामिल न होकर तकरीबन 2 करोड़ रुपये लेकर फरार हो गया। जांच के बाद ईओडब्ल्यू ने आइपीसी की धारा 420,406,120बी के तहत कई शिकायतों के आधार पर एफआईआर दर्ज करके जांच शुरू की। आर्थिक अपराध शाखा की ज्वाइंट कमिश्नर छाया शर्मा के मुताबिक आरोपी, गृहणियों को अच्छा ब्याज देने के नाम पर सोशल ट्रेड वेब वर्क, ईपीसी वॉलेट, ऑरेंज ग्रुप और सम्पर्क फूड बाजार, क्लिक ओ क्लिक के नाम पर पैसा कलेक्ट करता जबकि इनमें से ज्यादातर कंपनिया बन्द हो चुकी है।
मनीष अपने साथियों के साथ मिलकर महिलाओं के लिए किटी पार्टी अरेंज कराता था और प्रोफेशनल तरीके से पैंफलेट छपवाकर महिलाओं को अच्छे रिटर्न्स ब्याज का लालच देकर उनसे पैसा इन्वेस्ट करवाता था।
कैसे शुरू हुई जालसाज़ी
शुरू में मनीष अपने साथियों के साथ मिलकर रोहिणी इलाके में कमेटी चलाता था और पैसे रिटर्न भी करता था पर कुछ समय बाद उसने कमेटी का काम बन्द करके इलाके की महिलाओं को टारगेट करना शुरू किया और बढ़िया रिटर्न्स देने के सपने दिखाकर उनसे पैसे इन्वेस्ट करवाए। वह महिलाओं की सेविंग के बारे में पता करता और फिर उन्हें लालच देता। यही वजह है कई महिलाओं ने परिवार के डर से अब तक पुलिस के पास शिकायत तक नही दी है। इसी डर का फायदा ये आरोपी उठा रहा था।
कैसे हुई आरोपी की गिरफ्तारी
आरोपी रोहिणी के घर पर ताला लगाकर किसी और एरिया में छिपकर रह रहा था लेकिन एक दिन एक कोरियर कंपनी ने उसका पैकेट दूसरे एड्रेस पर डिलीवर करने से मना कर दिया और आरोपी पुराने एड्रेस पर पैकेट लेने आया। इसके बाद डिलीवरी कंपनी की मदद से वह पकड़ा गया।
बिहार का रहने वाला है आरोपी
मनीष बिहार के सिवान इलाके का रहने वाला है और 1996 में सिविल सर्विस क्रैक करने के सपने को लेकर वह दिल्ली आया। हालांकि 3-4 बार प्रयास करने के बाद भी वह एग्जाम पास नही कर पाया और कोचिंग देने लगा। कोचिंग में फेल होने के बाद उसने मल्टी लेवल मार्केटिंग का काम खुद को एमवे कंपनी से जोड़कर शुरू किया और फिर इसने अपना नेटवर्किंग ग्रुप बना लिया। इसके बाद आरोपी ने एमएलएम कंपनी में काम करके हिमालया, लाइफ केयर के प्रोडक्ट्स को बेचने का काम भी किया।
2016 में मनीष ने दूसरे आरोपी के साथ मिलकर अपना खुद का मल्टी लेवल मार्केटिंग का काम एमएलएम और वैभव फूड्स, आईना प्राइवेट लिमिटेड के नाम से शुरू किया और खासतौर पर गृहणियों को टारगेट करना शुरू किया और लालच देकर पैसे इन्वेस्ट करवाए। आरोपी मनीष बिटक्वाइन के काम मे भी लोगो के पैसे इन्वेस्ट करने का लालच देता और खुद को मोटिवेशनल स्पीकर बताकर महिलाओं को टारगेट करके अपनी कम्युनिकेशन स्किल्स को इस्तेमाल करके महिलाओं का पैसा इन स्कीम्स में लगाकर उनके साथ धोखाधड़ी कर रहा था।
ज्वाइंट कमिश्नर छाया शर्मा की आम जनता से अपील है इस तरह की मल्टीलेवल मार्केटिंग में पैसा लालच में आकर इन्वेस्ट न करे और ऐसी कंपनियों की जांच करे कि वह आरबीआई या सेबी से ऑथराइज्ड है या नहीं वरना आपकी गाढ़ी कमाई बर्बाद हो सकती है।