Highlights
- विशेष अदालत में ट्रांसफर हुआ अंकिता हत्याकांड का मामला
- पुलिस ने मृतका की उम्र 19 से घटाकर की 15 साल
- 90 फीसदी झुलस गई थी युवती, दोषी को फांसी की मांग
झारखंड के दुमका मर्डर केस में पुलिस ने पॉक्सो एक्ट (Pocso Act) की धाराएं जोड़ दी हैं। वहीं मृतका की उम्र भी कम कर दी गई है। पहले पुलिस द्वारा दर्ज बयान में मृतका अंकिता की उम्र 19 साल बताई गई थी, जिसे बाद में सुधारकर 15 साल किया गया। दरअसल, झारखंड बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) ने मामले में एसपी को पॉक्सो एक्ट के तहत धाराएं जोड़ने की सिफारिश की थी। समिति ने यह पाया था कि मृतका अंकिता की उम्र 15 साल की थी, न कि 19 साल जैसा कि पुलिस ने पहले अपने बयान में उल्लेख किया था। वहीं इस मामले में मृतका के पिता का भी कहना था कि उनकी बेटी 15 साल की है। पुलिस ने उसका बयान लेते समय गलत सुना होगा। क्योंकि, जलने की चोटों के कारण वह दर्द में थी। पुलिस ने उसे सही करने के लिए उसका आधार कार्ड और दसवीं कक्षा का प्रमाण पत्र मांगा था।
विशेष अदालत में ट्रांसफर हुआ अंकिता हत्याकांड का मामला
दुमका का अंकिता हत्याकांड का मामला सीजेएम कोर्ट अब विशेष अदालत में ट्रांसफर कर दिया गया है। पहले यह मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी(सीजेएम) दुमका की अदालत में था। वहां से स्पेशल कोर्ट में ट्रांसफर हुआ है। दुमका पुलिस अधीक्षक अम्बर लकड़ा ने बताया कि अंकिता हत्याकांड की सुनवाई त्वरित हो सके, इसलिए विशेष अदालत में ट्रांसफर किया गया है।
शाहरुख नाम के युवक ने युवती को कर दिया था आग के हवाले
गौरतलब है कि झारखंड के दुमका में शाहरुख नाम के एक युवक ने एकतरफा प्यार में असफल होने पर 12वीं कक्षा में पढ़ने वाली युवती को जिंदा जला दिया था, जिससे उसकी मौत हो गई। घटना के बाद इलाके में स्थिति तनावपूर्ण होने के बाद प्रशासन ने वहां धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लगा दी थी। झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने भी दुमका के जरुवाडीह की अंकिता कुमारी सिंह के साथ हुई घटना और उसकी मौत को अत्यंत दुखद बताया था। झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने शोक संवेदना व्यक्त करने के साथ ही अंकिता के पिता से बात कर उनसे पूरी घटना की जानकारी ली थी।
राज्यपाल ने की थी इस मामले की फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई की बात
राज्यपाल ने कहा कि उनके द्वारा पूर्व में भी पुलिस महानिदेशक को तलब कर राज्य की विधि-व्यवस्था पर चिंता जताते हुए इसे प्रभावी और दुरुस्त करने का निदेश दिया गया था। राज्यपाल ने इस घटना की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में करने की बात कही थी। उन्होंने पीड़ित के परिवार को तत्काल 2 लाख की राशि भी देने की घोषणा की थी।
90 फीसदी झुलस गई थी युवती, दोषी को फांसी की मांग
दुमका के पुलिस अधीक्षक अंबर लकड़ा ने बताया कि घटना में 90 फीसदी झुलस गयी युवती को इलाज के लिए रांची स्थित रिम्स में भर्ती कराया गया था, जहां उसकी मौत हो गई थी। युवती के मरने की सूचना दुमका पहुंचने पर वहां स्थिति तनावपूर्ण हो गई थी, वहां दोषी को फांसी देने की मांग को लेकर विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और बजरंग दल ने जमकर नारेबाजी की और विरोध प्रदर्शन भी किया था।