नई दिल्लीः डीएचएफएल के पूर्व निदेशक धीरज वधावन ने अपनी गिरफ्तारी के बाद चिकित्सा आधार पर जमानत की मांग करते हुए जमानत याचिका दायर की है। उनकी जमानत याचिका 18 मई को सूचीबद्ध है। राउज एवेन्यू कोर्ट ने मंगलवार को धीरज वधावन को 30 मई तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
सोमवार रात को सीबीआई ने किया था गिरफ्तार
सीबीआई ने 34,000 करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी मामले में डीएचएफएल (दीवान हाउसिंग फाइनेंस कार्पोरेशन लिमिटेड) के पूर्व निदेशक धीरज वधावन को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वधावन को सोमवार रात को मुंबई से हिरासत में लिया गया और उन्हें मंगलवार को दिल्ली की एक विशेष अदालत में पेश किया गया जिसने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
कपिल को भी सीबीआई ने किया था गिरफ्तार
अधिकारियों ने बताया कि डीएचएफएल के पूर्व निदेशक और उनके भाई कपिल को इस मामले में पहले 19 जुलाई, 2022 को गिरफ्तार किया गया था। एजेंसी ने 15 अक्टूबर, 2022 को कपिल और धीरज सहित 75 प्रतिष्ठानों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था। उन्हें विशेष अदालत ने तीन दिसंबर, 2022 को इस आधार पर जमानत दे दी थी कि जांच अधूरी है और दायर आरोप पत्र टुकड़ों में पेश किया है।
इस आदेश को दिल्ली उच्च न्यायालय ने भी बरकरार रखा था। सीबीआई ने इस आदेश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी थी। उसने जमानत आदेशों को यह कहते हुए रद्द कर दिया था कि विशेष अदालत के साथ-साथ उच्च न्यायालय ने शीर्ष अदालत द्वारा प्रतिपादित और तय की गई कानूनी स्थिति की अवहेलना करके ‘‘कानूनी रूप से गंभीर त्रुटि की।’’ इस बीच, धीरज वधावन को बंबई उच्च न्यायालय से चिकित्सकीय आधार पर एक अलग मामले में अंतरिम जमानत मिल गई क्योंकि वह इलाज के लिए लीलावती अस्पताल में भर्ती थे।
देश का सबसे बड़ा बैंकिंग ऋण धोखाधड़ी मामला
बंबई उच्च न्यायालय ने इस साल दो मई को इस मामले में जमानत को नियमित कर दिया था और सीबीआई गिरफ्तारी से उनकी सुरक्षा की अवधि भी एक सप्ताह के लिए बढ़ा दी थी। अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा अवधि समाप्त होने के बाद सीबीआई ने वधावन को गिरफ्तार कर लिया। इस समय तीन आरोपी धीरज वधावन, उनके भाई कपिल वधावन और अजय नवांदर इस मामले में न्यायिक हिरासत में हैं। उन्होंने बताया कि सीबीआई ने 17 बैंकों के संघ से 34,000 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी के संबंध में डीएचएफएल मामला दर्ज किया था। यह देश में सबसे बड़ा बैंकिंग ऋण धोखाधड़ी मामला है।
इनपुट- भाषा