नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की साउदर्न रेंज की स्पेशल सेल के इंस्पेक्टर शिव कुमार और उनकी टीम ने गुरुवार को 10 पिस्तौल और 50 जिंदा कारतूस के साथ संजय नाम के एक शख्स को गिरफ्तार किया है। पुलिस के मुताबिक ये शख्स हथियारों को मध्यप्रदेश से लाकर दिल्ली NCR और उत्तर प्रदेश में सप्लाई करने वाला था लेकिन एक सूचना के बाद पुलिस ने इसे इंद्रप्रस्थ पार्क के पास से गिरफ्तार कर लिया। शख्स से पूछताछ की जा रही है कि आखिरकार ये हथियार किसे सप्लाई करने के लिए आए थे।
अवैध हथियारों की सप्लाई रोकने को लेकर दिल्ली पुलिस कर रही काम
दरअसल, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की एक टीम लगातार दिल्ली-एनसीआर में अवैध रूप से हो रही हथियारों की सप्लाई पर काम कर रही है। इसी पर काम करते हुए स्पेशल सेल के इंस्पेक्टर शिवकुमार को सूचना मिली की एक शख्स हत्यारों की एक बड़ी खेप के साथ आउटर रिंग रोड के पास आने वाला है। स्पेशल सेल के इंस्पेक्टर शिवकुमार ने इंद्रप्रस्थ पार्क के पास जाल बिछाया और जब एक शख्स वहां से बैग लेकर गुजर रहा था तो उसे रोका गया उसकी तलाशी ली गई तो उसके पास से 10 पिस्तौल और 50 जिंदा कारतूस बरामद किए गए।
4 साल से अवैध हथियारों की सप्लाई कर रहा था संजय कुमार
पूछताछ में पता चला कि इस शख्स का नाम संजय कुमार है जो कि अलीगढ़ का रहने वाला है और यह मध्य प्रदेश से हथियार लाकर दिल्ली एनसीआर और उत्तर प्रदेश में बदमाशों को सप्लाई करता है। पूछताछ में यह भी पता चला है कि संजय करीब 4 साल से अवैध हथियारों की सप्लाई कर रहा है। संजय ने खुलासा करते हुए पुलिस को बताया कि उसके गांव के सागर गौतम नामक युवक ने करीब चार साल उसे हथियारों की तस्करी के सिंडिकेट में शामिल होने का लालच दिया था। शुरुआत में संजय कुमार उनके कूरियर के रूप में काम करता था। बाद में उसने सागर गौतम के साथ साझेदारी में काम करना शुरू कर दिया। गौतम को स्पेशल सेल ने 24 नवंबर 2020 को दिल्ली में हथियारों की तस्करी के एक मामले में गिरफ्तार किया था, अब वो दिल्ली की जेल में बंद है। सागर गौतम की गिरफ्तारी के बाद संजय ने इस सिंडिकेट की बागडोर संभाली और अवैध हथियारों की तस्करी करता रहा है।
आरोपी संजय कुमार ने खुलासा किया है कि उसे एमपी के बुरहानपुर के एक हथियार निर्माता से बन्दूक और कारतूस की सप्लाई मिली थी। पूछताछ में संजय ने बताया कि मध्य प्रदेश से 1 सेमी ऑटोमेटिक पिस्तौल वह 9 हजार से 12 हजार में खरीदता है और उसके बाद उसे 20 से 30 हजार में बेचता है इतना ही नहीं देसी कट्टा 3500 से 4500 में खरीद कर उसे 7 से 8 हजार में दिल्ली एनसीआर के बदमाशों को बेचता है।