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2007 से महिला के हत्यारे को तलाश रहा था पुलिस अधिकारी, अब 17 साल बाद धर दबोचा

दिल्ली पुलिस ने एक 22 साल की महिला की हत्या के आरोपी को 17 साल बाद रोहिणी के विजय विहार इलाके से गिरफ्तार किया है। महिला की हत्या साल 2007 में की गई थी।

Edited By: Subhash Kumar @ImSubhashojha
Updated on: May 15, 2024 10:49 IST
सांकेतिक फोटो। - India TV Hindi
Image Source : PTI सांकेतिक फोटो।

दिल्ली पुलिस ने 17 साल पहले हुई एक महिला की हत्या का मामला सुलझाने का दावा किया है। पुलिस की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, एक 57 वर्षीय वीरेंद्र नाम के व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। इस व्यक्ति पर साल 2008 में एक 22 वर्षीय महिला की कथित तौर पर हत्या करने का आरोप है। व्यक्ति ने महिला के शव को एक बक्से में बंद कर दिया था और फरार हो गया था। अब 17 साल बाद आरोपी को  रोहिणी के विजय विहार इलाके से पकड़ा गया है। आइए जानते हैं ये पूरा मामला।

क्या था पूरा मामला?

दरअसल, बिहार के वैशाली जिले के रहने वाले आरोपी वीरेंद्र सिंह पर आरोप है कि उसने साल 2007 में अपने किराए के मकान में एक महिला की हत्या की थी। उसने लाश को एक ट्रंक में बंद कर दिया था। अगले दिन महिला का शव बरामद किया गया था। घटना के बाद आरोपी शहर से फरार हो गया था। आरोपी वीरेंद्र सिंह को 2008 में एक अदालत द्वारा घोषित अपराधी के रूप में भी नामजद किया गया था। जांच के दौरान उसके सह-आरोपी शंकर घोष को स्थानीय पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।

देह व्यापार में भी शामिल था आरोपी

आरोपी से पूछताछ में पता चला है वह 1991 में दिल्ली आया और चितरंजन पार्क इलाके में रहने लगा था। वह टैक्सी चालक के तौर पर काम करता था। इसी दौरान अलग-अलग लोगों के संपर्क में आकर उसने देह व्यापार के बारे में पता लगाया। 2001 में वह पैसा कमाने के लिए देह व्यापार में शामिल हो गया। वह  पश्चिम बंगाल से युवा लड़कियों को लाता था और उनका इस्तेमाल देह व्यापार में करता था।

17 साल बाद ASI ने दिखाया कमाल

दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा का एक ASI उस इलाके का बीट अधिकारी था जहां महिला की हत्या हुई थी। तबादला होने के बावजूद उसने इस हत्या के मामले की जांच जारी रखी। ASI को पता लगा कि आरोपी वीरेंद्र पानीपत में छिपा हुआ है लेकिन आरोपी पकड़ा नहीं गया क्योंकि वह बार-बार अपना किराए का मकान बदल रहा था। हालांकि, बीते फरवरी में सहायक उप-निरीक्षक रमेश का तबादला अपराध शाखा में कर दिया गया और उन्होंने फिर से उस मामले की जांच शुरू कर दी। इस बार वह आरोपी का मोबाइल नंबर ढूंढने में सफल रहे और किरायेदारों द्वारा दी जाने वाली जानकारी से वीरेंद्र की पहचान की गई। वीरेंद्र को रोहिणी के विजय विहार इलाके से पकड़ा गया। (इनपुट: भाषा)

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