नई दिल्ली: मध्य दिल्ली में एक सर्राफ ने 61 लाख रुपये के बैंक के कर्ज को माफ कराने के लिए अपने ही 2 साथियों के साथ मिलकर अपने दफ्तर में ही 2.6 किलोग्राम सोने की फर्जी लूट कराई। पुलिस ने इस घटना के बारे में रविवार को जानकारी देते हुए बताया कि पिछले 4 साल से आभूषणों का कारोबार कर रहे 40 साल के अभिजीत सामंत को कारोबार में ज्यादा फायदा नहीं हो रहा था और कोरोना वायरस के कारण लगे लॉकडाउन में धंधा और भी ज्यादा प्रभावित हुआ था।
साथियों के साथ मिलकर की लूट
तमाम दिक्कतों से घिरने के बाद सामंत और उसके साथियों, प्रोपर्टी डीलर फरहान (38) तथा गैराज में काम करने वाले मुन्ना (28), ने फर्जी लूट की। पुलिस ने बताया कि मुन्ना ने बुरका पहनकर और टॉय गन के साथ चांदनी महल स्थित दफ्तर में घुसकर इस फर्जी लूटपाट को अंजाम दिया। मामला तब सामने आया जब सामंत ने पुलिस से संपर्क किया और आरोप लगाया कि बुर्का पहने एक महिला शनिवार रात उनके दफ्तर में आई और उनके सिर पर बंदूक रख दी।
यूं खुली इस फर्जी लूट की पोल
सामंत ने आरोप लगाया कि महिला ने उन्हें थप्पड़ मारा, उनसे 50 हजार रुपये तथा तिजोरी की चाबियां छीन लीं। शिकायत के अनुसार महिला ने उन्हें तिजोरी खोलने को मजबूर किया और बाद में उनके हाथ, पैर और मुंह कपड़े से बांध दिए। इसके बाद वह आभूषण और नकदी लेकर भाग गई। पुलिस उपायुक्त (मध्य) संजय भाटिया ने कहा कि जांच के दौरान विभिन्न सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली गई तो सामने आया कि महिला बड़े दोस्ताना तरीके से दफ्तर में घुसी थी और शिकायती का बर्ताव संदिग्ध था।
6 घंटे की पूछताछ में टूटा सामंत
भाटिया ने कहा कि 6 घंटे की पूछताछ के बाद सामंत टूट गया और उसने अपने साथियों के साथ रची इस साजिश को कबूल कर लिया। सामंत ने बताया कि कारोबार को बढ़ाने के लिए उसने 3 अलग-अलग बैंकों से लगभग 61 लाख रुपये का कारोबार ऋण लिया था। उसने अपने सोने के स्टॉक का बीमा कराकर उसके आधार पर भी कर्ज लिया था। डीसीपी के अनुसार 2018 से उसका कारोबार अच्छा नहीं चल रहा था और लॉकडाउन लगने के बाद तो वह EMI चुकाने की स्थिति में भी नहीं था।