Highlights
- रेप कैपिटल बनती जा रही देश की राजधानी दिल्ली
- 2022 के पहले 6 महीनों में 1100 महिलाएं हुईं शिकार
- लगभग 2200 महिलाओं का हो चुका है अपहरण
Delhi News: दिल्ली देश की राजधानी है, सोचिए अगर लोग यहां सुरक्षित नहीं हैं तो फिर वो कहां हो सकते हैं। खासतौर से जब हम बात महिलाओं की कर रहे होते हैं। आज देश में महिलाएं पुरुषों के कंधे से कंधा मिला कर चल रही हैं। सेना में सेवाएं दे रही हैं। फाइटर जेट उड़ा रही हैं। देश के लिए मेडल ला रही हैं। लेकिन सुरक्षा के मामले में वो अभी भी पीछे हैं। हमारा समाज, हमारी सरकार उन्हें बराबरी की सुरक्षा नहीं दे पा रहा है। खासतौर से देश की राजधानी की बात करें तो यहां की हालात तो और ही ज्यादा खराब है। यहां महिलाओं की सुरक्षा देश के अन्य राज्यों के मुकाबले भी दयनीय है। ये बात हम नहीं दिल्ली पुलिस के आंकड़े कहते हैं।
दरअसल, पिछले साल के आंकड़ों की तुलना में दिल्ली में महिलाओं के खिलाफ अपराध लगातार बढ़ रहे हैं। दिल्ली पुलिस द्वारा जुटाए गए आंकड़ों के अनुसार, मौजूदा वर्ष में 15 जुलाई तक 1,100 महिलाओं के साथ कथित रूप से रेप किया गया है। 2021 में इसी अवधि तक 1,033 महिलाओं को जघन्य अपराधों का सामना करना पड़ा था। इस साल के आंकड़ों की 2021 से तुलना करें तो इसमें 6.48 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। दिल्ली पुलिस के शीर्ष अधिकारियों ने बार-बार कहा है कि महिलाओं की सुरक्षा उनकी 'सर्वोच्च प्राथमिकता' है और यहां तक कि ऐसी त्रासदियों को रोकने के लिए नियमित रूप से नई पहल और कठोर कदम भी उठाए जा रहे हैं। हालांकि, इसके बावजूद भी अपराधों की संख्या में उछाल जारी है।
लगभग 2200 महिलाओं का अपहरण हो चुका है
एक और ताज्जुब की बात है कि राष्ट्रीय राजधानी में अब तक लगभग 2,200 महिलाओं का अपहरण हो चुका है, जो महिलाओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता का विषय है। आंकड़ों के अनुसार, अब तक 2,197 महिलाओं का अपहरण किया जा चुका है, जो पिछले साल के पहले छह महीनों में 1,880 अपहरणों की तुलना में बहुत अधिक है। पूरे साल 2021 में 3,758 महिलाओं ने अपहरण के अपराध का सामना किया था। तथ्य यह भी है कि सिर्फ अजनबी ही महिलाओं को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं, पति या ससुराल वालों द्वारा की गई क्रूरता के मामलों की एक बड़ी संख्या है और इस साल ये आंकड़ा लगभग 30 प्रतिशत तक बढ़ गया है।
अपनों नी भी दिए महिलाओं को तकलीफ
अकेले इस साल महिलाओं के साथ उनके पति या ससुराल वालों द्वारा क्रूरता के 2,704 मामले सामने आए हैं। पिछले साल यह आंकड़ा 2,096 था। यहां तक कि दहेज के लिए 2021 में जहां 72 महिलाओं की जान ले ली गई थी, वहीं तब की तुलना में इस साल 69 महिलाओं ने दहेज के चलते जान गंवा दी थी। 2021 में, पहले छह महीनों में महिलाओं के खिलाफ अपराधों की कुल संख्या 6,747 थी, जो इस साल बढ़कर 7,887 हो गई है। कुल मिलाकर, राष्ट्रीय राजधानी में महिलाओं के खिलाफ अपराध में 17 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
(इनपुट: एजेंसी)