Highlights
- ज्योति नगर में पुलिस और अपराधियों के बीच मुठभेड़
- दिल्ली पुलिस ने 2 अपराधियों को गिरफ्तार किया
- आरोपियों के पास से एक सेमी ऑटोमेटिक पिस्तौल, 2 कारतूस वगैरह बरामद
Delhi: दिल्ली के ज्योति नगर में पुलिस और अपराधियों के बीच मुठभेड़ हुई है। शुक्रवार देर रात हुई इस मुठभेड़ में पुलिस ने 2 अपराधियों को गिरफ्तार किया है। अपराधियों की पहचान शक्ति उर्फ सोनू (36) और सचिन (24) के रूप में हुई है। पुलिस ने बताया कि मानसरोवर पार्क थाने में शक्ति को दागी चरित्र वाले शख्स के रूप में सूचीबद्ध किया गया है और वह 18 आपराधिक मामलों में आरोपी के रूप में नामजद है। वहीं सचिन के खिलाफ 4 मामले लंबित हैं।
पुलिस के मुताबिक, ये मुठभेड़ बीती रात करीब 2 बजे ज्योति नगर में लोनी चौराहे के पास आंबेडकर कॉलेज की ओर सर्विस रोड पर हुई है। एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि शक्ति के पैर में गोली लगी है। वह भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 308 के तहत ज्योति नगर थाने में दर्ज मामले में वांछित भी है।
आरोपियों के पास से एक सेमी ऑटोमेटिक पिस्तौल, 2 कारतूस वगैरह बरामद किए हैं। अधिकारी ने बताया कि बिना नंबर प्लेट वाली एक मोटरसाइकिल भी जब्त की गई है।
दिल्ली पुलिस ने व्यक्ति की मौत के लगभग तीन साल बाद मामला दर्ज किया
वहीं दिल्ली में एक और मामला सामने आया है। यहां दिल्ली पुलिस ने लगभग 3 साल पहले एक व्यक्ति की मौत मामले में अदालत के निर्देश पर गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया है। इस व्यक्ति की मौत की वजह दम घुटना बताया गया था। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि 27 फरवरी 2020 को 45 साल का सिकंदर खजूरी खास लाल बत्ती के निकट बेहोशी की हालत में मिला था, जिसे जग प्रवेश चंद्र अस्तपाल में ले जाया गया था और डॉक्टरों से उसे मृत घोषित कर दिया था।
पुलिस ने बताया कि नियमों के तहत भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता की धारा- 174 की कार्रवाई की गई और 11 मार्च 2020 को पोस्टमार्टम करने के लिए चिकित्सा बोर्ड गठित किया गया। पुलिस ने बताया कि 19 मार्च 2020 को मृतक की पहचान चांद बाग निवासी सिकंदर के रूप में हुई। बाद में शव परिजनों को सौंप दिया गया था।
उन्होंने बताया कि दम घुटने से व्यक्ति की मौत होने की जानकारी मिली और शरीर पर चोट का कोई निशान नहीं था। पुलिस ने बताया कि परिजन इससे संतुष्ट नहीं हुए और प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया। उन्होंने बताया कि 27 जुलाई 2022 को अदालत ने प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया और 17 अक्टूबर 2022 को भारतीय दंड संहिता की धारा-304 के तहत प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू की गई।