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‘न कुर्सी पर बैठने दिया, न तिरंगा फहराने दिया’, दलित महिला प्रधान से बदसलूकी पर 2 गिरफ्तार

तमिलनाडु के कडलूर जिले में एक दलित महिला पंचायत प्रधान को बैठकों में उपप्रधान ने कथित तौर पर कुर्सी पर नहीं बैठने दिया, ना ही राष्ट्रध्वज फहराने दिया।

Reported by: Bhasha
Published on: October 11, 2020 0:05 IST
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Image Source : PIXABAY REPRESENTATIONAL तमिलनाडु में एक दलित महिला पंचायत प्रधान को बैठकों में उपप्रधान ने कथित तौर पर कुर्सी पर नहीं बैठने दिया, ना ही राष्ट्रध्वज फहराने दिया।

कडलूर: तमिलनाडु के कडलूर जिले में एक दलित महिला पंचायत प्रधान को बैठकों में उपप्रधान ने कथित तौर पर कुर्सी पर नहीं बैठने दिया, ना ही राष्ट्रध्वज फहराने दिया। इस भेदभावपूर्ण व्यवहार की राजनीतिक दलों ने निंदा की है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि पुलिस उपप्रधान मोहन राज की तलाश कर रही है, जबकि निलंबित पंचायत सचिव सिंदुजा और वॉर्ड सदस्य आर. सुगुमार को गिरफ्तार किया गया है। इस घटना को लेकर सोशल मीडिया पर भी रोष छा गया।

सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी तस्वीर

दरअसल, सोशल मीडिया पर वायरस एक तस्वीर में मेल बुवनगिरि पंचायत यूनियन के तहत थेरकु थिट्टाई गांव की प्रधान एस राजेश्वरी जमीन पर बैठी दिखी, जबकि अन्य लोग कुर्सी पर बैठे हुए देखे जा सकते हैं। इस घटना के बारे में पता चलने पर अधिकारी हरकत में आ गए। जिलाधिकारी चंद्र शेखर सखामुरी और पुलिस अधीक्षक एम श्री अभिनव ने गांव का दौरा किया और शनिवार को मामले की जांच-पड़ताल की। अभिनव ने कहा, ‘हम उनका (राजेश्वरी का) बयान लेंगे और उपयुक्त कार्रवाई की जाएगी।’

‘प्रधान की जान को कोई खतरा नहीं’
एक सवाल के जवाब में अभिनव ने कहा कि प्रधान की जान को कोई खतरा नहीं है। गांव में पर्याप्त संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। उन्होंने कहा, ‘अन्य वॉर्ड सदस्यों ने भी महसूस किया कि क्या कुछ गलत हुआ है।’ जिलाधिकारी ने कहा कि अब तक पंचायत कार्यालय में 4 बैठकें हुई हैं। जिलाधिकारी ने बताया कि पंचायत की प्रधान को जमीन पर बैठने के लिये मजबूर किया गया, जबकि कुछ वॉर्ड सदस्यों ने दावा किया कि उन्होंने अपनी मर्जी से ऐसा किया था। उन्होंने कहा, ‘उनकी शिकायत के आधार पर जांच जारी है। इसमें संलिप्त लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।’

‘बदसलूकी बढ़ जाने पर दर्ज कराई शिकायत’
तस्वीर के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इसमें 17 जुलाई 2020 की तारीख दिख रही, जब यह खींची गई थी। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु पंचायत अधिनियम के तहत मोहन को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। उपप्रधान के खिलाफ उपयुक्त कार्रवाई की जाएगी। राजेश्वरी से यह पूछे जाने पर कि उन्होंने पहले शिकायत क्यों नहीं की, इस पर उन्होंने कहा कि उन्होंने शुरुआत में उपप्रधान के व्यवहार को बर्दाश्त किया, लेकिन बदसलूकी बढ़ जाने पर उन्होंने अब शिकायत दर्ज कराने का फैसला किया। उन्होंने आरोप लगाया कि सिर्फ उपप्रधान ने राष्ट्रध्वज फहराया और उन्हें ऐसा नहीं करने दिया गया।

‘कानून के मुताबिक होगी सख्त कार्रवाई’
मत्स्य पालन मंत्री डी जयकुमार ने कहा कि यह ‘बर्बर’ है और उन्होंने कानून के मुताबिक सख्त कार्रवाई का वादा किया। एमडीएमके महासचिव वाइको ने कहा कि इस तरह का कृत्य अपमानजनक है। द्रमुक सांसद कनिमोई ने कहा कि यह बहुत ही निदंनीय है और नेताओं ने सख्त कार्रवाई की मांग की। यह घटना तिरूवल्लूर जिले में एक दलित महिला पंचायत प्रधान को स्वतंत्रता दिवस पर ध्वजारोहण करने की अनुमति नहीं दिये जाने के कुछ महीनों बाद हुई है। हालांकि, जिला प्रशासन के हस्तक्षेप करने पर बाद में उन्होंने तिरंगा फहराया था।

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