नई दिल्ली. देश की राजधानी नई दिल्ली के डाबड़ी थाने की पुलिस के सब इंस्पेक्टर और केस के आईओ नरेंद्र और उनकी टीम ने इस्तेमाल किए हुए ग्लब्स को बड़ी वाशिंग मशीन में धोकर उन्हें आगे बेचने वाले मालिक कमल और हितेश की 'मौत की फैक्ट्री' पर बड़ा एक्शन लिया है। पुलिस ने मुंडका में छापा मारकर इनके पास से 1300 किलो इस्तेमाल किए सर्जिकल ग्लब्स, वाशिंग मशीन सीज की थी।
कल देर रात पुलिस ने इनकी निशानदेही पर मुंडका इलाके के पीवीसी मार्किट जिसे कबाड़ मार्किट कहा जाता है, से खाली बड़े प्लॉट में बड़ी संख्या में जमीन पर पड़े हुए इस्तेमाल किए हुए मेडिकल ग्लब्स के साथ बड़े बड़े बोरियों में रखे गए मेडिकल ग्लब्स भी बरामद किए। बरामद किए गए यूजड मेडिकल गलब्स का वजह तकरीबन 1800 किलो है। पुलिस ने इनके साथ इस कबाड़ी का काम करने वाले शख्स लाल दास उर्फ लालू को रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। लालू इस कबाड़ मार्किट में किलो के हिसाब से इस्तेमाल किए हुए गंदे मेडिकल ग्लब्स का धंधा करता था।
कैसे होता था धंधा
पुलिस सूत्रों के मुताबिक ये पूरी एक चैन है, पहले लालचंद किसी शख्स से 20 से 25 रुपए किलो में इस्तेमाल किए हुए गंदे ग्लब्स खरीदता था और अपनी कबाड़ मार्किट में रखता था। फिर वो कमल और हितेश जैसे लोगों को आगे 100 से 125 रुपए किलो में बेचता था। हितेश और कमल जैसे लोग अपनी फैक्ट्रियों में वाशिंग मशीन के जरिए इन ग्लब्स को धोकर साफ करवाकर इन्हें आगे 250 से 350 रुपए किलो के हिसाब से आगे सप्लाई करते थे और जिस तरह हाल में डाबड़ी में घर के अंदर गोदाम मिले वहां इनको नए डब्बो में पैक करके 100 ग्लब्स का एक डब्बा आगे वाट्सअप ग्रुप के जरिए 550 रुपए में बेचा जाता था। इस तरीके से कोरोना में ये लोग आपदा को अवसर बनाकर मौत और कोरोना बांटने का ये धंधा करते थे।पुलिस की रेड लगातार जारी
डाबड़ी थाने की पुलिस के सब इंस्पेक्टर और केस के आईओ नरेंद्र और उनकी टीम ने लाल दास उर्फ लालू को गिरफ्तार किया। इसके पास से तकरीबन 1800 किलो गंदे इस्तेमाल किए ग्लब्स बरामद किए गए और जमानती धाराओं के चलते इसे जमानत दे दी गई। हालांकि पुलिस की रेड लगातार जारी है। पुलिस का दावा है मुंडका और आउटर इलाको में अभी और भी इस तरह की फैक्ट्री चलाने वालों को जल्द पकड़ा जाएगा।