बहराइच: उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में 3 साल पहले एक महिला की क्षत-विक्षत लाश एक मंदिर के किनारे तालाब के पास मिली थी। 55 साल की शिवाका नाम की इस महिला की हत्या करने के आरोप में अदालत ने मंदिर के 75 साल के पुजारी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही अदालत ने उसके ऊपर 51 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है, जिसे न दिए जाने पर उसे 15 महीने की जेल और काटनी होगी।
‘श्रीपाल की पत्नी से थे पुजारी के अवैध संबंध’
जिला शासकीय अधिवक्ता मुन्नू लाल मिश्र ने मंगलवार को इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि मई 2020 में थाना कैसरगंज अन्तर्गत बदरौली गांव निवासी श्रीपाल नामक व्यक्ति ने पुलिस के पास एक शिकायत दर्ज कराई थी। श्रीपाल ने अपनी शिकायत में कहा था कि उसकी 55 वर्षीय पत्नी शिवाका गायब हो गई है। मिश्र ने बताया कि श्रीपाल ने आरोप लगाया था कि गांव के पास स्थित संतरीदास कुटी मंदिर के पुजारी रामसरन का उसके घर आना जाना था। इस दौरान पुजारी का उसकी पत्नी शिवाका से अवैध संबंध हो गया था।
‘तालाब में मिली थी शिवाका की क्षत-विक्षत लाश’
जिला शासकीय अधिवक्ता ने कहा कि जब श्रीपाल के घर वालों ने रोक-टोक की तो रामसरन की आवाजाही पर अंकुश लग गया। मिश्र ने कहा कि 23 मई 2020 को शिवाका घर से लापता हो गयी और 28 मई को उसकी क्षत-विक्षत लाश मंदिर के पास एक तालाब में मिली। उन्होंने कहा कि तफ्तीश के बाद पुलिस द्वारा अदालत में दाखिल चार्जशीट में बताया गया कि पुजारी रामसरन ने लोहे के छड़ से शिवाका के सिर पर वार कर उसकी हत्या की है। जज उत्कर्ष चतुर्वेदी ने मामले में रामसरन को दोषी करार दिया।
अदालत ने रामसरन पर जुर्माना भी लगाया
अभियोजक मुन्नू लाल मिश्र ने बताया कि बीते 29 अप्रैल को जिला न्यायाधीश उत्कर्ष चतुर्वेदी ने आरोपी रामसरन को शिवाका की हत्या करके लाश छिपाने का दोषी करार देते हुए उसे आजीवन कारावास व 51 हजार जुर्माने की सजा सुनाई। उन्होंने बताया कि जुर्माना नहीं अदा करने पर रामसरन को 15 महीने की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। मिश्र ने बताया कि अदालत ने अर्थदंड की राशि का 50 प्रतिशत मृतका के परिजनों को देने का आदेश दिया है।