मुजफ्फरनगर: यूपी के फर्रुखाबाद की विशेष पोक्सो अदालत ने 64 दिनों की सुनवाई के बाद चार साल की बच्ची के अपहरण, बलात्कार और हत्या के लिए 21 वर्षीय व्यक्ति को मौत की सजा सुनाई है। कोर्ट ने इस अपराध को "दुर्लभतम से दुर्लभतम" मामला करार देते हुए 64 दिनों की सुनवाई के बाद अपराधी को मौत की सजा सुनाई है। अदालत ने दोषी पर 2.2 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया, जिसका आधा हिस्सा पीड़िता के माता-पिता को दिया जाएगा। अतिरिक्त जिला सरकारी वकील (एडीजीसी) अनुज कटियार ने शुक्रवार को कहा कि यह अपराध 12 सितंबर को फर्रुखाबाद जिले के एक गांव में हुआ था और बच्ची का शव गांव के बाहरी इलाके में एक बाग में मिला था।
कोर्ट ने मामले में आगे कहा गया कि दोषी को अपने किए गए अपराध को लेकर डर जैसी कोई भावना नहीं थी, और यह अपराध 'दुर्लभ से दुर्लभतम' श्रेणी में आता है। इसीलिए दोषी को कठोरतम सजा सुनाई गई है।"
चार साल की बच्ची का अपहरण फिर हत्या
उन्होंने बताया कि हत्या के 24 घंटे के भीतर पुलिस ने उसी गांव के एक नाबालिग समेत दो संदिग्धों को उठाया था। एडीजीसी प्रदीप सिंह ने कहा, "दो महीने से अधिक समय तक चली सुनवाई के बाद, पोक्सो अदालत ने अपराध की भयावहता को ध्यान में रखते हुए बुधवार को चार साल की बच्ची के अपहरण, बलात्कार और हत्या के लिए 21 वर्षीय व्यक्ति को मौत की सजा सुनाई। अदालत ने कहा कि यह जघन्य अपराध 'बिना उकसावे के, सिर्फ किसी की वासना की संतुष्टि के लिए किया गया अपराध था।'
फर्रुखाबाद के एसपी विकास कुमार ने कहा, "परिवार द्वारा दोनों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के बाद आईपीसी की धारा 302 (हत्या) और 376-डी/बी (12 साल से कम उम्र की बच्ची से सामूहिक बलात्कार) समेत अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।" आरोपी को पकड़ने के बाद कोर्ट में अहम सबूत पेश किए गए थे। नाबालिग आरोपी के खिलाफ बाल अदालत में केस चल रहा था।"