नई दिल्ली। शैल कंपनियां बनाकर करोड़ों का हवाला कारोबार चला रहे चीन के नागरिक लुओ सांग उर्फ चार्ली पेंग से जुड़ा एक बड़ा खुलासा हुआ है। सूत्रों के मुताबिक ये चीनी नागरिक पैसों के बल पर दलाई लामा और उनके सहयोगियों की जानकारी पाने की कोशिश कर रहा था। आईटी विभाग से जुड़े सूत्रों के अनुसार जानकारी पाने के लिए दिल्ली के मजनू का टीला इलाके में कुछ लोगों को पैकेट में 2 से 3 लाख रुपये भी दिए गए।
विभाग के मुताबित रिश्वत की बातचीत से लेकर जानकारी पाने के लिए चीनी ऐप वी चैट का इस्तेमाल किया गया। वहीं चीनी नागरिक लुओ सांग के ऑफिस में काम करने वाले कर्मचारियों के हाथों ये पैकेट लोगों तक पहुंचाए गए। इनकम टैक्स विभाग ने दलाई लामा की जासूसी में चीनी एजेंसियों की संलिप्तता को लेकर जानकारी अन्य सरकारी एजेंसियों के साथ भी साझा की है, जिससे कि मामले से जुड़े अन्य पहलुओं पर ध्यान दिया जा सके।
हाल ही में आयकर विभाग ने दिल्ली एनसीआर में कई ठिकानों पर छापे मार कर करीब हजार करोड़ का हवाला कारोबार पकड़ा था। इसे चीन का एक नागरिक कई भारतीय नागरिकों के साथ मिलकर चला रहा था। चीन का नागरिक खुद को नॉर्थ ईस्ट का बताता था। आयकर विभाग के मुताबिक इस तलाशी अभियान को एक ठोस सूचना मिलने के बाद अंजाम दिया गया था। सूचना के मुताबिक चीनी नागरिक और उनके भारतीय सहयोगी शैल कंपनियों की मदद से मनी लॉन्ड्रिंग और हवाला लेन देन में शामिल रहे हैं। इसी जानकारी के आधार पर विभाग ने दिल्ली गाजियाबाद और गुरूग्राम में रिटेल शॉप, बैंक अधिकारी, चार्टेड अकांउटेंट और व्यापारियों के 24 ठिकानों पर ये छापेमारी की। जांच में पता चला कि इस चीनी नागरिक ने शैल कंपनियों में 40 बैंक खाते खोले। इन बैंक खातों की मदद से 1000 करोड़ रुपये हवाला कारोबार किया गया। वहीं चीनी नागरिक ने सब्सिडियरी कंपनियों के जरिए शैल कंपनियों से 100 करोड़ रुपये का बोगस एडवांस भी लिया जिसकी मदद से भारत में रिटेल शोरूम खोले गए।
लुओ उर्फ चार्ली को साल 2018 में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने फर्जी आधार कार्ड के साथ गिरफ्तार किया था लेकिन तब इसको जमानत मिल गई थी लेकिन एजेंसियों की नजर इसपर लगातार थी। अब न केवल इनकम टैक्स बल्कि हवाला कारोबार हो या दलाई लामा की जानकारी चीन भेजना इन सब मामलों में कई एजेंसियां पूछताछ कर रही है। सूत्रों की माने तो इस मामले में आने वाले दिनों में कई अहम खुलासों के साथ अलग अलग बैंकों के कई कर्मचारी, बड़े अफसर और चार्टेड एकाउंटेंट इनकम टैक्स की गिरफ्त में आ सकते है।