चंडीगढ़: केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के एक टैटू आर्टिस्ट कमलजीत सिंह और उसके मैनेजर को बंदर को पालतू जानवर के रूप में रखने और उसकी फोटो को इंस्टाग्राम अकाउंट पर प्रदर्शित करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। चंडीगढ़ के एक टैटू स्टूडियो के मालिक इस टैटू आर्टिस्ट पर बंदर को जबरन नशीला पदार्थ पिलाने का आरोप भी है, जिससे उसने इनकार कर दिया है। उपवन संरक्षक अब्दुल कयूम ने ट्वीट कर कहा, ‘एक मुश्किल काम का अब खात्मा हो गया है।’
इंस्टाग्राम से डिलीट कर दी फोटो
कयूम ने कहा, ‘डब्ल्यूपीए (वन्यजीव संरक्षण अधिनियम) 1972 के तहत वन्यजीव अपराधियों के खिलाफ एक उपयुक्त कार्रवाई की गई है। इससे सभी टिकटॉकर्स को एक संदेश पहुंचेगा कि वन्यजीव को न तो पाला जा सकता है और न ही शिकार किया जा सकता है।’ टैटू आर्टिस्ट और उसके मैनेजर दीपक पर वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की धारा 9, 39 और 50 के तहत मामला दर्ज किया गया है। कमलजीत सिंह के कंधे पर बैठे एक बंदर की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गई थीं। जैसे ही उसे पता चला कि वह कानून के शिकंजे में फंस गया है, उसने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट से तस्वीरें हटा दीं।
‘मैंने तो बंदर को बचाया था’
पीपुल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (PETA) की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए स्थानीय वन और वन्यजीव विभाग ने आर्टिस्ट के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। आर्टिस्ट ने पुलिस को बताया कि उसने बंदर को घायल अवस्था में हिमाचल प्रदेश के कसौली पहाड़ियों से बचाया था। उसने बताया कि जब उसे पता चला कि बंदर को कैद में रखना एक अपराध है, तो उसने बंदर को जंगल में छोड़ दिया। उसने सफाई देते हुए पुलिस को बताया कि बंदर को कोई मादक पदार्थ नहीं पिलाया गया है, उसने जो पिलाया था वह सेब और अनार के रस का मिश्रण था।