Highlights
- सफेद रंग की बुलेट प्रूफ फॉर्च्यूनर बरामद
- आरोपियों के पास से हथियार और कैश बरामद
- आईपीसी की धारा 25, 54, 59 आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज
नई दिल्ली: नार्थ ईस्ट दिल्ली पुलिस ने ऑपरेशन अंकुश के तहत छेनू गैंग के 4 कुख्यात बदमाशों को गिरफ़्तार करके हथियार सप्लाई करने वाले रैकेट का भांडाफोड़ किया है। इनके पास से बड़ी संख्या में हथियार और एक बुलेट प्रूफ फॉर्च्यूनर कार बरामद की है. डीसीपी नार्थ ईस्ट संजय सेन में मुताबिक, 29 नवंबर को एक खुफिया जानकारी मिली थी कि हथियारों को सप्लाई करने वाला एक गैंग नार्थ ईस्ट में एक्टिव है। इसके बाद स्पेशल स्टाफ के इंस्पेक्टर अजय यादव के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया था।
जानकारी के बाद सीलमपुर मेट्रो मॉल फलाईओवर के पास एक ट्रेप लगाया गया और रात 1:30 बजे एक तेज रफ्तार सफेद रंग की फॉर्च्यूनर कार सीलमपुर की तरफ से आती हुई दिखाई दी। इस कार के रास्ते को ब्लॉक करके इसे रुकवाया गया। कार में चार लोग मिले। इनकी तलाशी ली गई तो इनके पास से 3 ऑटोमेटिक पिस्टल, 14 जिंदा कारतूस और 4 अन्य जिंदा कारतूसों के साथ एक अलग मैगजीन तथा साढ़े 6 लाख रुपये बरामद हुए। पुलिस ने सीलमपुर थाने में आइपीसी की धारा 25,54,59 आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज कर तफ्तीश शुरू कर दी है।
जांच में चारो आरोपियों- इरशाद, मुमताज, समीर, शाहरुख की पहचान की गई, जिन्होंने पूछताछ में बताया कि वो छेनू गैंग के एक्टिव मेम्बर हैं और कई तरह के आपराधिक मामलों में शामिल हैं। इनके पास से जो कैश बरामद हुआ है वो अलीगढ़ से हथियार खरीदने के लिए रखा गया था। पूछताछ में इरशाद ने बताया कि उनकी फॉर्च्यूनर कार बुलेट प्रूफ है ताकि गाड़ी पर दूसरा गैंग फायर करे तो उन्हें कोई नुकसान न हो।
जांच में पता चला कि आरोपी मुमताज पर हत्या, रॉबरी और आर्म्स एक्ट के 23 मामले दर्ज हैं और 2015 में मकोका के तहत भी इसपर कार्रवाई की गई थी। बेल पर बाहर आकर इसने फिर से गैंग में काम करना शुरू कर दिया था। पता चला है कि आरोपी मोहम्मद मुमताज छेनू गैंग के लिए हथियार सप्लाई करता था और दूसरे क्रिमिनल्स को भी ये हथियार सप्लाई किया करता था। नए-नए लड़को को भी हथियार सप्लाई करने के रैकेट में जोड़ता था।