Highlights
- चारबाग रेलवे स्टेशन के ठेके को लेकर 2019 में वीरेंद्र का विवाद हुआ था।
- 2019 में वीरेंद्र ठाकुर की हत्या के लिए उसे हनीट्रैप में फंसाया गया था।
- रीढ़ की हड्डी में गोलियां लगने की वजह से वह अपाहिज हो गया था।
Virendra Thakur Murder: बिहार के रहने वाले रेलवे ठेकेदार वीरेंद्र ठाकुर की शनिवार को लखनऊ में दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई। मृतक वीरेंद्र ठाकुर विकलांग था और उसकी हत्या से पुलिस की नींद उड़ी हुई है। पुलिस ठेकेदार की हत्या का कारण व्यापारिक रंजिश बता रही है। बिहार के रहने वाले ठेकेदार की हत्या करने हत्यारे पुलिस की वर्दी में आये थे। हत्या करने वाले संदिग्धों की सीसीटीवी फुटेज का वीडियो भी सामने आया है। मृतक ने अपनी सुरक्षा के लिए प्राइवेट सिक्यॉरिटी वाले भी रखे थे जो हत्या के बाद से फरार हैं।
गार्डों को बंधक बनाकर बदमाशों ने मारी गोली
बताया जा रहा है कि वीरेंद्र के घर पर उसके परिवार और गार्डों को बंधक बनाकर बदमाशों ने उसे गोली मार दी। इस दौरान बदमाशों ने वीरेंद्र की सुरक्षा में तैनात गार्डों की बंदूकें भी अपने कब्जे में ले ली थीं। लखनऊ पुलिस ने मामले के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि वीरेंद्र रेलवे के स्टैंड के ठेके लेता था। उन्होंने कहा कि कोलकाता से लेकर उत्तर प्रदेश तक, उसके पास करोड़ों के ठेके थे। पुलिस ने बताया कि मृतक वीरेंद्र बिहार पुलिस का वॉन्टेड अपराधी भी था और बिहार में उसके खिलाफ 23 मुकदमे दर्ज थे।
ठेके को लेकर 2019 में हुआ था विवाद
पुलिस ने बताया कि चारबाग रेलवे स्टेशन के ठेके को लेकर 2019 में उसका विवाद हुआ था। पुलिस ने कहा कि इसी विवाद में उसकी हत्या की साजिश रची गई थी। पता चला है कि साल 2019 में वीरेंद्र की हत्या के लिए उसे हनीट्रैप में फंसाया गया था। उस वक्त शूटआउट के दौरान गोलियां उसकी रीढ़ की हड्डी में लगीं और वह अपाहिज हो गया। 2019 के उस केस में पुलिस ने 2 महिलाओं और गोली मारने वाले इंजीनियरिंग के एक छात्र को कोलकाता से गिरफ्तार किया था। फिलहाल पुलिस हत्यारों की तलाश में जुट गई है।