पटना/नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को बड़ी सफलता हाथ लगी है। क्राइम ब्रांच की टीम ने बिहार के सबसे बड़े साइबर क्रिमिनल छोटू चौधरी को गिरफ्तार कर लिया है। इसे दिल्ली लाया जा रहा है। छोटू चौधरी मूल रूप से नालंदा का रहने वाला है। इसने और इसके गैंग के लोगों ने दिल्ली, यूपी, हरियाणा और मुंबई में कोरोना काल के दौरान सैकड़ों लोगों को ठगा है। छोटू चौधरी और इसका गैंग ऑक्सीजन सहित मेडिकल उपकरणों को जल्द से जल्द उपलब्ध करवाने के नाम पर लोगों को चूना लगाता था। बिहार में काम करने वाला यह सबसे बड़ा साइबर क्रिमिनल है।
छोटू चौधरी के गैंग में करीब 300 साइबर क्रिमिनल काम करते हैं, जो बिहार और झारखंड में एक्टिव हैं लेकिन दूर-दूर के लोगों को ठगी का शिकार बनाते हैं। जब Delhi-NCR में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर/सिलिंडर की कमी हुई थी तब इस छोटू चौधरी गैंग द्वारा सोशल मीडिया/व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से कई फर्जी मोबाइल नम्बर को सर्कुलेट किया, जिसके वजह से परेशान मरीजों के परिजन उस मोबाइल नम्बर के द्वारा साइबर क्रिमिनल को कॉल करने के लिए मजबूर हो जाते थे। इसी कारण उन लोगों का पैसा भी डूबा और कई मरीजों की जान भी गई।
साइबर अपराधियों के इस गैंग के सरगना को पकड़ने के लिए क्राइम ब्रांच की टीम ने बहुत ही शानदार और गुप्त तरीके से ऑपरेशन को अंजाम दिया। इस ऑपरेशन के लिए स्पेशल कमिश्नर प्रबीर रंजन, एडिशनल कमिश्नर सिबेश सिंह और डीसीपी मोनिका भारद्वाज के नेतृत्व में इंस्पेक्टर विवेकानंद झा को पिछले महीने जिम्मेदारी सौंपी गई थी। उसके बाद इसी गैंग के चार अपराधियों को पिछले महीने ही गिरफ्तार किया गया था। लेकिन, इस गैंग का सरगना तब हाथ नहीं लगा था। उसे गिरफ्तार करने के लिए विशेष ऑपरेशन प्लान किया गया।
डीसीपी मोनिका भारद्वाज, एसीपी संदीप लाम्बा और इंस्पेक्टर विवेकानंद झा के नेतृत्व में सब इंस्पेक्टर लोकेन्द्र, संजय, एएसआई धर्मेंद्र, श्रीपाल, हेड कांस्टेबल विनोद, कांस्टेबल प्रवीण ने इस पूरे ऑपरेशन को अंजाम दिया। इस टीम ने छोटू चौधरी को नालंदा जिला के बिहारशरीफ स्थित सारे थाना इलाके से गिरफ्तार किया है।
पुलिस के मुताबिक, छोटू चौधरी के गुर्गे पहले फ्लिपकार्ट (Flipkart ) और फोनो फ्रेंडशिप (Phone friendship) जैसे पुराने तरीके से फर्जीवाड़े को अंजाम देता थे लेकिन इस कोरोना काल के दौरान उन्होंने ऑक्सीजन सिलेंडर सहित अन्य मेडिकल चीजों के नाम पर साइबर अपराध किए।
दिल्ली पुलिस की साइबर सेल के डीसीपी अन्येष राय के मुताबिक, कोरोना काल के दूसरे फेज के दौरान सबसे ज्यादा साइबर क्राइम के फर्जी कॉल बिहार से ही आए थे, जो ज्यादातर इसी अपराधी के गुर्गों द्वारा अंजाम दिए जाते थे। छोटू चौधरी करीब दो-तीन सालों से लगातर साइबर क्राइम के मामलों को अंजाम दे रहा है।
अन्येष राय के अनुसार, ऐसे ही अपराधों को अंजाम देकर छोटू चौधरी कई अवैध संपत्तियों का मालिक बन चुका है। छोटू चौधरी अपनी टीम में बेहद कम उम्र वाले युवकों को ही रखता है, जिन्हें पैसों और मौज मस्ती का लालच देकर इस तरह के धंधे में उतारता है। इसके बाद उन्हें शातिर अपराधी बना देता है और अपने इशारे पर काम करवाता है।