Highlights
- बैंक का कस्टमर केयर नंबर इंटरनेट पर सर्च कर कॉल मिलाने वाले सावधान हो जाएं।
- एकाउंट से 27.10 लाख रुपए 8 अलग-अलग एकाउंट में ट्रांसफर किए गए।
- पुलिस ने ठगी करने वाले बड़े मॉड्यूल पर शिकंजा कसा, कई लोग गिरफ्तार, लोगों को सावधान रहने की सलाह।
नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की IFSO यूनिट ( साइबर सेल ) ने एक बड़े मॉड्यूल का पर्दाफाश करते हुए 12 आरोपियों को गिरफ्तार किया है जो फर्जी वेबसाइट्स के जरिए लोगों के साथ धोखाधड़ी किया करते थे। ये मॉड्यूल फर्जी वेबसाइट्स के साथ अपने द्वारा जारी किए फर्जी कस्टमर केयर नंबर भी दिया करते थे और इंटरनेट पर इन साइट्स को डाल दिया करते थे। डीसीपी IFSO यूनिट केपीएस मल्होत्रा के मुताबिक जैसे ही कोई कस्टमर इन साइट्स पर जाकर एप्लिकेश को डाउनलोड करता तो उसके फोन की पूरी डिटेल्स इन लोगों के पास चली जाती थी, उस शख्स के मोबाइल पर आने वाले ओटीपी से लेकर सभी हम जानकारियां इस मॉड्यूल के पास पहुंच जाती थी और फिर धोखाधड़ी का काम शुरू होता था।
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की IFSO यूनिट (पूर्व में साइपेड ) पुलिस को जानकारी मिली कि बी पॉल नाम के एक शख्स ने शिकायत की कि उसने केनरा बैंक के कस्टमर केयर नंबर को इंटरनेट पर सर्च किया और वहां उसे 9883227013 कस्टमर केयर नंबर दिखा। इस नंबर पर कॉन्टेक्ट करने के बाद इसे कस्टमर केयर वाले शख्स ने उसे www.customercomplaintregisters.com वेबसाइट का लिंक दिया और इसपर अपनी शिकायत पोस्ट करने की सलाह दी। ये वेबसाइट केनरा बैंक की वेबसाइट की तरह दिखती थी और इसपर केनरा बैंक का लोगो भी लगा था, जैसा कि कस्टमर केयर ने कहा था इस पीड़ित ने बैंक से रिलेटेड अपनी शिकायत पूरे एकाउंट नंबर के साथ इसपर कर दी।
वेबसाइट्स पर जिन स्टेप्स को इस शख्स को फॉलो करने के लिए कहा गया उन्हें फॉलो करने पर पीड़ित के मोबाइल फोन में एक एप्लिकेशन/मालवेयर ऑटोमेटिक डाउनलोड हो गया और तुरन्त इसके एकाउंट से 27.10 लाख रुपए 8 अलग-अलग एकाउंट में ट्रांसफर हो गए। पीड़ित बिश्वनाथ पॉल ने इसकी दिल्ली पुलिस को शिकायत की जिसपर स्पेशल सेल ने आइपीसी की धारा 419, 420, 120बी के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की।
टेक्निकल इंवेस्टिग्वेशन और ह्यूमन इंटेलिजेंस से पता लगा कि ये मॉड्यूल पेन इंडिया पर काम कर रहा है। जांच के आधार पर दिल्ली पुलिस की IFSO यूनिट जिसका नेतृत्व एसीपी रमन लांबा कर रहे थे सितंबर 2021 में रेड करके झारखंड के जामताड़ा के रहने वाले 6 आरोपियों को बैंगलोर से गिरफ्तार किया। गिरफ्तार आरोपियों में मोहम्मद मुजाहिद अंसारी, आसिफ अंसारी, गुलाब अंसारी, शाहनवाज अंसारी, बहारुद्दीन अंसारी, बशरूद्दीन अंसारी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
डीसीपी केपीएस मल्होत्रा के मुताबिक जांच में पता चला कि ये आरोपी टेली कॉलर बनकर खुद को ऑथोराइज्ड बैंक ऑफिशियल बताते थे और उन्हें अपने द्वारा दी गई फर्जी वेबसाइट पर स्टेप्स फॉलो करने के लिए कहते और उनके मोबाइल में एक मालवेयर एप्लिकेशन डाउनलोड करवा देते थे इसके बाद वो विक्टिम के फोन में एक्सेस करते और फोन में एसएमएस के जरिए ओटीपी, नेट बेंकिग पासवर्ड ओटीपी लेकर मोटी रकम दूसरे खातों में ट्रांसफर कर देते थे। इस मॉड्यूल के मास्टरमाउंड जामताड़ा में रहते थे और ठगी के बाद जामताड़ा छोड़ देते थे जिससे वो पुलिस की रडार से बचे रहे।
जांच में पता चला कि इनका वेस्ट बंगाल में एक अलग मॉड्यूल काम करता है जो इन्हें सिम कार्ड और बैंक एकाउंट प्रोवाइड कराता था। इन्फॉर्मेशन के बाद IFSO यूनिट ने वेस्ट बंगाल और जामताड़ा में रेड्स की और 5 आरोपी जिनके नाम साहनी खान, अबुबकर साहा, राजेश गोराही, सूरज साहा और मिजानुर अंसारी है को गिरफ्तार किया गया। 23 नवंबर 2021 को इस मॉड्यूल के मास्टरमाइंड जिसका नाम मुस्लिम अंसारी है और वो जामताड़ा का रहने वाला है इसकी भी गिरफ्तारी कर इसकी पुलिस कस्टडी ली गई।
वेस्ट बंगाल मॉड्यूल अलग-अलग ऑनलाइन चीटिंग गैंग्स को लॉजिस्टिक प्रोवाइड कराता था, साथ ही नारकोटिक्स ट्रैफिकिंग गैंग्स की भी मदद करता था। शुरुआती जांच में ये भी पता लगा है कि अफ्रीकन नागरिक वेस्ट बंगाल और नार्थ ईस्ट के राज्यों के सिम कार्ड बातचीत के लिए इस्तेमाल करते है।
इनके पास से 26 मोबाइल फोन, 1 लैपटॉप, 156 सिम कार्ड, 11 एटीएम कार्ड बरामद किए गए है। इनकी गिरफ्तारी से पूरे भारत मे लगभग 1000 केसों में इनका इंवॉलमेंट मिला है। जामताड़ा में बेस्ट इस मॉड्यूल का मास्टरमाइंड मुस्लिम अंसारी ऐसे कई मॉड्यूल के सम्पर्क में था वो भी बिना किसी कम्युनिकेशन लेयर के। इनके पास से 111 बैंक एकाउंट जो मिले है उन्हें फ्रीज कर दिया गया है।
डीसीपी IFSO यूनिट केपीएस मल्होत्रा की देखरेख में इस ऑपरेशन को एसीपी रमन लांबा के नेतृत्व में इंस्पेक्टर कुलदीप, अरुण त्यागी, सब इंस्पेक्टर मंजीत, मनोज और हेड कांस्टेबल रंदीप, राहुल, रविन्द्र और कांस्टेबल अशोक, तरुण और प्रशांत ने अंजाम दिया और मामले की पूरी तफ्तीश लगातार जारी है।