बेटे की चाह में पत्नी के साथ क्रूरता की सारी हदें पार करने के एक अत्यंत वीभत्स मामले में बदायूं की एक अदालत ने गर्भवती पत्नी का पेट हंसिए से चीरने के आरोपी पति को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाने के साथ ही 50 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है। पति की इस जानलेवा वारदात से महिला की जान पर आफत आ गई थी। पेट ऐसा काटा गया था कि महिला का आंतें बाहर आ गई और गर्भपात भी हो गया था। विशेष लोक अभियोजक (ADGC) मुनेंद्र पाल सिंह ने शुक्रवार को बताया कि अपर सत्र न्यायाधीश त्वरित न्यायालय सौरभ सक्सेना ने गुरुवार देर शाम पन्नालाल को आजीवन कारावास की सजा सुनाई और उस पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। उन्होंने बताया कि जुर्माना न देने की स्थिति में उसे 6 माह का कारावास और भुगतना होगा।
'इस बार तेरा पेट फाड़कर देखूंगा इसमें लड़का है या लड़की'
सिंह ने मामले की जानकारी देते हुए कहा कि सिविल लाइंस थाना क्षेत्र के गांव घोंचा निवासी गोलू ने 19 सितंबर 2020 को थाने में FIR दर्ज कराई। गोलू ने एफआईआर में आरोप लगाया था कि उसकी बहन अनीता की शादी शहर के मोहल्ला नेकपुर निवासी पन्नालाल के साथ हुई थी। शिकायत के अनुसार, अनीता ने शादी के बाद 5 बेटियों को जन्म दिया। इस कारण उसका पति पन्नालाल लगातार उसे प्रताड़ित करता था और दूसरी शादी करने की भी धमकी अनीता को देता था। उन्होंने बताया कि घटना के समय 30 वर्ष की अनीता आठ माह की गर्भवती थी। इसी दौरान एक दिन पन्नालाल घर आया और अनीता से झगड़ने लगा। सिंह ने बताया कि इसके बाद वह बोला कि तू लड़कियां ही पैदा करती है। इस बार तेरा पेट फाड़कर देखूंगा कि इसमें लड़का है या लड़की।
पेट चीरते ही बाहर आई आंतें, हो गया गर्भपात
शिकायत के अनुसार, इसके बाद पन्नालाल ने अनीता का पेट हंसिए से चीर दिया जिससे अनीता की आंतें बाहर आ गई और आठ माह के शिशु का गर्भपात हो गया। बाद में पता चला कि वह शिशु लड़का ही था। मामले के अनुसार, गंभीर हालत में अनीता को बरेली स्थित अस्पताल में भर्ती करा कर उसका उपचार कराया गया। गोलू की तहरीर पर पुलिस ने मामला दर्ज कर विवेचना पूरी करने के बाद अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आलोक प्रियदर्शी ने बताया कि जांच पूरी होने के बाद आरोपी के खिलाफ अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया गया और मामले में नियमित सुनवाई की गई। विशेष अदालत ने पन्नालाल को दोषी पाते हुए उसे आजीवन कारावास तथा 50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।
पत्नी अनीता ने सुनाई आपबीती
इस समय पन्नालाल की उम्र 38 वर्ष है। अनीता ने शुक्रवार को बताया कि उस पर हुए जानलेवा हमले के बाद उसके मायके पक्ष के लोगों ने पति पन्नालाल से रिश्ता खत्म कर लिया है, वह अपने पति पन्नालाल के अत्याचारों से तंग आ चुकी थी। अपने घर में ही परचून की छोटी सी दुकान चलाकर अपने और अपनी पांच बेटियों का पेट पालने वाली अनीता ने बताया कि पति ने कई बार उसको जान से मारने की कोशिश की फिर भी वह हमेशा उसको समझाती रही। उसने कहा कि जब पन्नालाल ने उस पर हंसिया से वार किया तो उसके मायके पक्ष ने उसे सजा दिलाने की ठान ली। चार साल के इंतजार के बाद आखिरकार उसे न्याय मिल सका है।
जिस बेटे की थी चाहत, उसे गर्भ में मार दिया
अनीता ने कहा कि जिस बेटे की चाहत में उसके पति पन्नालाल ने उस पर जानलेवा हमला किया और बच्चे को गर्भ में ही मार दिया। अनीता ने बताया कि पन्नालाल मोहल्ले में ही समोसे और मिठाई बनाने की दुकान चलाता था उसका अच्छा खासा कारोबार था जिससे परिवार का पालन पोषण ठीक प्रकार से चल रहा था। उसने बताया कि दो साल जेल की सजा काटने के बाद जमानत पर छूट कर आए पन्नालाल ने कचहरी के पास फिर से समोसे की दुकान खोली थी और फैसला आने के बाद उसे जेल भेज दिया गया है।
बेटी की गवाही पर हुई सजा
अनीता ने बताया कि पति पन्नालाल थोड़ा सा संयम रखता तो आज उसके पुत्र प्राप्ति की चाहत भी पूरी हो जाती क्योंकि जिस बच्चे को उसने गर्भ में ही हंसिए से वार करके मार दिया था वह लड़का ही था। उन्होंने कहा कि दुनिया में आने से पहले ही मार दिए गए पुत्र की मौत का दुख उसे सारी जिंदगी रहेगा, किंतु इस बात की खुशी है कि उसके पति को उसके किये की सजा मिल गई है। उल्लेखनीय है कि पन्नालाल और अनीता की बेटी निर्जला ने अदालत में गवाही दी थी और उसकी गवाही के आधार पर ही पन्नालाल को आजीवन कारावास की सजा हुई है। बेटी निर्जला ने अदालत में दिए बयान में कहा था कि पापा पन्नालाल मम्मी से कहते थे कि इस बार तेरा पेट फाड़कर देखूंगा कि तेरे पेट में लड़का है या लड़की। (भाषा इनपुट्स के साथ)
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