Highlights
- अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने कहा, यह निश्चित तौर पर भारत के सर्वोच्च न्यायालय की अवमानना है।
- वेणुगोपाल ने कहा, यति नरसिंहानंद का बयान शीर्ष अदालत के प्राधिकार को कम करने का सीधा प्रयास है।
- मैं सुप्रीम कोर्ट की आपराधिक अवमानना के लिए मुकदमा शुरू करने की अनुमति देता हूं: वेणुगोपाल
नयी दिल्ली: अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने संविधान और सुप्रीम कोर्ट के विरुद्ध कथित तौर पर टिप्पणी के लिये धर्म संसद के नेता यति नरसिंहानंद के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू करने की शुक्रवार को मंजूरी दे दी। एक सामाजिक कार्यकर्ता शची नेल्ली ने यति नरसिंहानंद के एक इंटरव्यू में दिये गये बयानों की पृष्ठभूमि में उनके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू करने की मांग को लेकर अटॉर्नी जनरल को पत्र लिखा था, जिसके जवाब में यह सहमति प्रदान की गयी है। संबंधित इंटरव्यू गत 14 जनवरी को ट्विटर पर वायरल हो गया था।
‘मैं मुकदमा शुरू करने की अनुमति देता हूं’
अदालत की अवमानना अधिनियम की धारा 15 के तहत सुप्रीम कोर्ट के समक्ष आपराधिक अवमानना का मामला शुरू करने के लिए अटॉर्नी जनरल या सॉलिसिटर जनरल की अनुमति पूर्व शर्त है। एजी ने कहा, ‘मैंने पाया है कि यति नरसिंहानंद की ओर से दिया गया बयान आम नागरिकों की नजर में शीर्ष अदालत के प्राधिकार को कम करने का सीधा प्रयास है। यह निश्चित तौर पर भारत के सर्वोच्च न्यायालय की अवमानना है। मैं तदनुसार, सुप्रीम कोर्ट की आपराधिक अवमानना के लिए मुकदमा शुरू करने की अनुमति देता हूं।’
हेड स्पीच मामले में हिरासत में हैं नरसिंहानंद
बता दें कि हरिद्वार में आयोजित ‘धर्म संसद’ में मुस्लिम-विरोधी नफरती भाषण को लेकर उत्तराखंड पुलिस द्वारा गिरफ्तार किये जाने के बाद से नरसिंहानंद हिरासत में हैं। बता दें कि यति नरसिंहानंद के खिलाफ एक पत्रकार और एक छायाकार को अपशब्द कहने के मामले में भी आरोप दर्ज किए गए हैं। पुलिस ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया था कि बीते शनिवार को एक इंटरव्यू के दौरान एक सवाल पूछे जाने से उत्तेजित होकर उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले में डासना मंदिर के मुख्य पुजारी नरसिंहानंद ने पत्रकार और छायाकार को अपशब्द कहे थे।