गुवाहाटी: देश के उत्तर-पूर्वी राज्यों में नशे की तस्कारी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। हालांकि सुरक्षाबलों की सख्ती भी रंग दिखा रही है। हर रोज करोड़ों की ड्रग्स बरामद हो रही है। शुक्रवार 22 सितंबर को पुलिस ने जानकारी देते हुए बताया कि राज्य के अलग-अलग हिस्सों से तीन करोड़ रुपये मूल्य के मादक पदार्थों के साथ सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार किए गए लोगों में अरुणाचल प्रदेश की तीन महिलाएं भी शामिल हैं।
साबुन के डिब्बे में छुपाकर ले रहे थे नशीला पदार्थ
पुलिस के मुताबिक, डिब्रूगढ़ जिले के जयपुर से चार लोगों को उस वक्त गिरफ्तार किया गया, जब वे हेरोइन कथित तौर पर अरुणाचल प्रदेश ले जा रहे थे। पुलिस उपाधीक्षक नबा कुमार बोरा ने बताया कि वे साबुन के 29 डिब्बों में 364.43 ग्राम हेरोइन लेकर अरुणाचल प्रदेश में तिरप जिला जा रहे थे कि तभी पुलिस ने एक अभियान में उन्हें धर-दबोचा। पुलिस ने चालक के साथ पड़ोसी राज्य की तीन महिलाओं को भी गिरफ्तार किया है। उन्होंने बताया कि गिरोह, दुलियाजान रेलवे स्टेशन से तिरप की ओर जा रही एक कार में मादक पदार्थ की तस्करी कर रहा था। कार को भी जब्त कर लिया गया है।
तीन करोड़ से ज्यादा है बरामद पदार्थ की कीमत
बोरा ने बताया कि जब्त मादक पदार्थ की कीमत करीब तीन करोड़ रुपये है। वहीं होजाई जिले में एक अन्य अभियान में पुलिस ने लंका थाना इलाके से दो लोगों को गिरफ्तार किया है। उनके कब्जे से प्लास्टिक की छोटी-छोटी 15 थैलियां मिलीं जिनमें मौजूद 15 ग्राम हेरोइन को जब्त कर लिया गया है। अधिकारी के मुताबिक, जब्त किए गए मादक पदार्थ का मू्ल्य करीब 12 लाख रुपये है। पुलिस के मुताबिक, धेमाजी जिले के सिलापथार से एक महिला को 1.46 ग्राम हेरोइन के साथ गिरफ्तार किया गया है, जिसकी कीमत करीब 1.2 लाख रुपये है।
साथ सितंबर को बरामद हुआ था 47 करोड़ रूपये से ज्यादा का ड्रग्स
वहीं इससे पहले सितंबर के शुरूआती दिनों में राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने असम के कछार जिले में एक ट्रक में 47 किलोग्राम मेथमफेटामाइन टैबलेट (4.70 लाख टैबलेट) की तस्करी के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया था। जब्त टैबलेट की वैश्विक अवैध बाजार में कीमत 47 करोड़ रुपये से अधिक आंकी गई थी। निदेशालय के एक अधिकारी ने शनिवार को बताया कि ड्रग्स की इस खेप को एजेंसी ने 7 सितंबर को जब्त किया था। अधिकारी ने कहा, "खुफिया जानकारी के आधार पर, खेप का पता लगाने के लिए 10 से 13 दिन तक निगरानी रखी गई। डीआरआई टीम ने 7 सितंबर को ड्रग्स ले जा रहे एक ट्रक को रोका। गहन निरीक्षण और जांच करने पर डिब्बों में बड़ी मात्रा में ड्रग्स छिपा हुआ पाया गया।"