Highlights
- यह एफआईआर बिल्डर विमल अग्रवाल ने गोरेगांव पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई है।
- एफआईआर में परमबीर सिंह के अलावा बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाझे, सुमीत सिंह उर्फ चिंटू, अल्पेश पटेल अन्य के नाम शामिल।
- अग्रवाल की शिकायत के मुताबिक आरोपियों ने उसके दो बार व रेस्टोरेंट पर छापेमारी की, कार्रवाई न करने के लिए 9 लाख रुपए लिए थे।
मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह के खिलाफ एक और एफआईआर दर्ज हुई है। यह एफआईआर बिल्डर विमल अग्रवाल ने गोरेगांव पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई है। एफआईआर में परमबीर सिंहके अलावा बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाझे, सुमीत सिंह उर्फ चिंटू, अल्पेश पटेल, विनय सिंह उर्फ बबलू व रियाज भाटी को भी आरोपी बनाया गया है।
अग्रवाल की शिकायत के मुताबिक आरोपियों ने उसके दो बार व रेस्टोरेंट पर छापेमारी की, कार्रवाई न करने के लिए 9 लाख रुपए लिए थे। इसके अलावा आरोपियों ने उसे 2 लाख 92 हजार रुपए के 2 स्मार्टफोन खरीद कर देने के लिए मजबूर किया था, यह घटना जनवरी 2020 से मार्च 2021 के बीच हुई है। शिकायत के आधार पर पुलिस ने इस मामले में 6 आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 384, 385 व 34 के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
वसूली मामले में फंसे मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह और सचिन वाजे को लेकर व्यापारी विमल अग्रवाल ने जो खुलासा किया था उसी मामले में आज क्राइम ब्रांच यूनिट 11 में परमवीर सिंह से पूछताछ हो रही है। ये शिकायत अग्रवाल ने गोरेगांव पुलिस को दी थी और अपनी शिकायत में विमल ने कहा कि वाजे के लिए एक नंबर मतलब परमबीर सिंह थे।
विमल अग्रवाल ने अपने स्टेटमेंट में कहा था कि बार, रेस्टोरेंट और बुकी के बाद उनका अगला निशाना बीएमसी के कांट्रेक्टर थे। विमल ने पुलिस को बताया की वाजे को यह पता चला था कि मुंबई महानगर पालिका में कई सारे सिविल ठेकेदार के खिलाफ शिकायत हुई है। मैं बीएमसी में कॉन्ट्रैक्ट लेता हूं इस बात की जानकारी वाजे को थी इस वजह से उसने मुझे 12 फरवरी को सीआईयू के ऑफिस में बुलाया और इस बारे में पूछा और कहा कि स्वस्तिक कंस्ट्रक्शन के प्रीतेश गोदानी और संजय हिरणी के खिलाफ जो अल्लारखा नाम के शख़्स ने शिकायत की है क्या इस बारे में उसे जानकारी है। वाजे ने उनसे उस शिकायत की कॉपी मांगी और कहा कि उसे इस मामले में कौन-कौन से ठेकेदार और बीएमसी अधिकारी शामिल है इसकी जानकारी मांगी, जिसके बाद बिमल ने वाजे से कहा कि भाई अपना तो पुलिस का काम है, होटल बुकी यहां तक तो ठीक है ये बीएमसी ठेकेदार का अपना क्या सम्बंध? जिसके बाद वाजे ने विमल के कंधे पर हाथ रखकर कहा कि विमल मेरा एक नंबर है ना उसका ध्यान सब तरफ होता है, जब बॉस ने बोला है तो क्या प्रॉब्लम है।
इसके बाद बिमल ने शिकायत की कॉपी वाजे को व्हट्सएप पर भेज दिया, जिसके बाद वाजे ने बीएमसी के एड्मिनिस्ट्रेटर का नंबर मांगा था जो मैंने उसे व्हट्सएप पर भेज दिया। इसके बाद वाजे ने कहा कि बीएमसी की शिकायत मामले में वे सुपर पॉज़िटिव हैं। दूसरे दिन वाजे ने विमल से कहा कि मैंने एक नंबर को बता दिया है इसके बाद विमल ने वाजे से दोबारा पूछा किसको तो उसने कहा कि “अरे सीपी को बता दिया है के ये बीएमसी ठेकेदार वाला इंफ़ॉरमेशन विमल ने दिया है और वो अपना आदमी है और बीएमसी ठेकेदार का काम हुआ तो वो मुझे एक नंबर मतलब सीपी से मिलवाएगा।”
विमल ने यह भी कहा की साल 2014 में उसने मुंबई के ईओडबल्यू में प्रसाद लाड़ और हनुमंत गायकवाड़ के खिलाफ 17 करोड़ का मामला दर्ज करवाया था, पर राजकीय दबाव की वजह से यह मामले आगे नहीं बढ़ा। इसके अलावा एंथनी वेस्ट नाम की कंपनी के खिलाफ भी मैंने एक मामला दर्ज करवाया था। वहां पर भी मेरे बहुत पैसे अटके पड़े थे। वाजे ने आश्वासन दिया था कि मेरे दोनों मामलों में मदद करेगा।
एक बार उसने वाजे को सलाह दी कि पुलिस वाले होकर ठेकेदार और बीएमसी वालों से तोड़पानी नहीं करते, क्यों वातावरण खराब कर रहे हो? जिसपर वाजे ने कहा कि पूरे साल भर में कोरोना की वजह से कितना नुकसान हुआ है और बॉस ने क्या टार्गेट दिया है इस बारे में तो तुमको पता ही नहीं है।
तब वाजे ने कहा मैं कहां से रोज़ दो करोड़ लाऊं, अभी वैसे हालात भी नहीं हैं तो ये नए रास्ते ढूंढने पड़ते हैं। फिक्र मत करो सीपी साहब की परमीशन से ये जुगाड़ कर रहा हूं, सो अब टेंशन नहीं है। तुम तुम्हारा काम करो। किसी को पता नहीं चलना चाहिए, नहीं तो तुम्हारे दो तीन मैटर ईओडबल्यू में है वैसे ही पड़े रहेंगे मैं भी सोच रहा हूं कि तुमको कैसे एक नंबर के गुड बुक में ला सकूं। ये सब सुनने के बाद क्या करना चाहिए इस बारे में सोच नहीं पा रहा था और इसी वजह से शांत था।