नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज को अस्पताल में भर्ती कराने की एवज में 5 लाख रुपये मांगने के आरोप में 2 लोगों को गिरफ्तार किया है। पीड़ित का आरोप है कि उसकी कोरोना वायरस से संक्रमित पत्नी को एम्स में भर्ती कराने की एवज में आरोपी ने उससे 5 लाख रुपये मांगे थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पीड़ित ने 2 लाख 80 हजार रुपये आरोपी को दे भी दिए थे, लेकिन पैसे मिलने के बाद आरोपी ने पीड़ित की पत्नी को अस्पताल में भर्ती नहीं कराया। इसके बाद पीड़ित ने दिल्ली पुलिस की कोविड केयर हेल्प लाइन पर पूरे मामले की शिकायत की।
पुलिस जांच में पता चला कि शिकायतकर्ता का एक रिश्तेदार रविंद्र पाल सिंह (पीड़ित का साला) भूषण कुमार को जानता था। रविंद्र पाल ने अपनी कोरोना से पीड़ित बहन के लिए ऑक्सीजन के सिलिंडर लाने के लिए भूषण कुमार से संपर्क किया, और भूषण ने इंसानियत के नाते सिलेंडर उपलब्ध करा दिया। 30 अप्रैल को रविंद्र पाल सिंह ने भूषण से फिर संपर्क किया और अपनी बहन की स्थिति गंभीर होने के कारण किसी अस्पताल में भर्ती कराने के लिए मदद मांगी। इसके बाद भूषण ने एम्स की लैब में काम करने वाले पंकज कुमार से संपर्क किया।
पुलिस की जांच के मुताबिक, पंकज ने बताया कि इस समय किसी अस्पताल में मरीज को भर्ती कराना बेहद मुश्किल है, लेकिन अगर पीड़ित पक्ष कुछ पैसा खर्च करेंगे तो ये मुमकिन भी हो सकता है। कुछ देर बाद आरोपी पंकज ने भूषण को बताया कि 5 लाख रुपये में मरीज को किसी अस्पताल में भर्ती करवाया जा सकता है। पंकज ने भूषण को ममता नाम की एक महिला का नंबर भी दिया, वही नंबर भूषण ने पीड़िता के बेटे को दे दिया। इसी बीच पीड़िता सफदरजंग अस्पताल में भर्ती हो गई।
इसके बाद पीड़िता के बेटे ने ममता नाम की महिला को फोन किया तो उसने सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराने के नाम पर 5 लाख रुपये की मांग की। इसके बाद शिकायतकर्ता ने 2 लाख 80 हज़ार रुपये ममता आरोपियों को दे दिए। पुलिस ने जांच के दौरान पंकज और ममता की डिटेल्स एम्स अस्पताल से इकट्ठा की और लोकेशन ट्रेस करने पर पता चला कि दोनों हिमाचल प्रदेश के मंडी इलाके में मौजूद है। इसके बाद पुलिस की एक टीम बनाई गई और आरोपियों को पकड़ने के लिए रवाना हो गई। जब पुलिस मंडी पहुंची तो पता चला कि पंकज और ममता दोनों बहन भाई है। ममता और पंकज को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।