अहमदाबाद: कोरोना वायरस के चलते एक तरफ जहां दुनियाभर में रोजाना हजारों लोगों की जान जा रही है, वहीं दूसरी तरफ कुछ लोग अभी भी लापरवाही से बाज नहीं आ रहे हैं। सिर्फ इतना ही नहीं, कुछ अस्पताल भी लोगों की जान से खेलने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। ऐसा ही एक मामला गुजरात के अहमदाबाद से सामने आया है, जहां एक प्राइवेट अस्पताल को बंद कर दिया गया है क्योंकि यह कोविड-19 हॉस्पिटल नहीं होने के बाद भी कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों का इलाज कर रहा था। जिस समय अस्पताल पर कार्रवाई की गई उस समय वहां कोरोना वायरस से संक्रमित 13 मरीजों का इलाज चल रहा था।
‘HRCT स्कैन से लगा रहा था संक्रमण का पता’
शहर की नगर निकाय इकाई AMC द्वारा गुरुवार को जारी की गई एक विज्ञप्ति में बताया गया कि बुधवार को जांच के दौरान अस्पताल द्वारा इजाजत न होने के बावजूद कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के इलाज की बात सामने आई। विज्ञप्ति के मुताबिक, बुधवार को अहमदाबाद नगर निगम की एक टीम ने पाया कि नरोदा क्षेत्र के आत्मीय अस्पताल में कोविड-19 के 13 मरीजों का इलाज चल रहा है। विज्ञप्ति में कहा गया कि जांच के दौरान यह पाया गया कि RT-PCR या एंटीजेन जांच के बदले अस्पताल उच्च क्षमता वाले कंप्यूटरकृत टेमोग्राफी (HRCT) स्कैन की मदद से बीमार मरीजों का पता लगा रहा था।
‘अस्पताल के खिलाफ पुलिस भी करेगी कार्रवाई’
जांच टीम ने पाया कि HRCT स्कैन के परिणाम के आधार पर यह प्राइवेट अस्पताल कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की भर्ती कर रहा था। नगर निगम की विज्ञप्ति में बताया गया कि मरीजों के इलाज संबंधी कागजातों का मुआयना करने पर पाया गया कि उन्हें इलाज के लिए रेमडेसिवीर दवाई दी गई। इस अस्पताल को कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों का इलाज करने की अनुमति नहीं है और इसीलिए इसे बुधवार को बंद कर दिया गया। विज्ञप्ति में कहा गया है कि इस संबंध में अस्पताल के खिलाफ पुलिस कार्रवाई भी करेगी।