मेरठ। 21 अगस्त (शुक्रवार) को मिलिट्री इंटेलिजेंस (एमआई), यूपी एसटीएफ और स्थानीय पुलिस की संयुक्त टीम ने काशीगांव के पास एक कारखाने में छापा मारा, जहां 50 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की लगभग सभी वर्गों के लिए 1,50,000 से अधिक अवैध रूप से छापी गईं एनसीईआरटी की किताबें जब्त की गई हैं। मेरठ में सब्जी मंडी के पास मोहकमपुर एन्क्लेव में एक कारखाने में अवैध रूप से छापी गईं एनसीईआरटी की किताबें जलाने के बाद सरगना सचिन गुप्ता फरार हो गया है।
गौरतलब है कि महीने के पहले सप्ताह के दौरान स्थानीय एमआई अधिकारियों को परतापुर पुलिस स्टेशन के तहत काशीगांव, एन्क्लेव रोड के पास एक गोदाम में संदिग्ध गतिविधियों का इनपुट मिला था। क्षेत्र में स्वतंत्रता दिवस से पहले देश विरोधी गतिविधियों की किसी भी संभावना को नियंत्रित करने के लिए एमआई ने गहन निगरानी की। खोजबीन के बाद एमआई अधिकारियों को पता चला कि इस क्षेत्र में एनसीईआरटी की पुस्तकों की अवैध रूप से बड़ी संख्या में छपाई की जाती है। इसके बाद इस जानकारी को यूपी पुलिस के स्थानीय विशेष कार्य बल (एसटीएफ) के साथ साझा किया गया और फिर संयुक्त रूप से अभियान चलाया गया।
यूपी, उत्तराखंड और दिल्ली सहित कई राज्यों में होनी थी किताबों की आपूर्ति
बीते शुक्रवार को एमआई, यूपी एसटीएफ और स्थानीय पुलिस की संयुक्त टीम ने इस कारखाने पर छापा मारा। जहां से टीम ने बड़ी संख्या में अधिक अवैध रूप से छापी गईं एनसीईआरटी की किताबें जब्त की। हालांकि, पुस्तकों की बड़ी संख्या को व्यवस्थित रूप से गिना जाना अभी बाकी है। यह माना जाता है कि कक्षा 1 से लेकर विभिन्न कक्षाओं के लिए गैर-कानूनी रूप से मुद्रित एनसीईआरटी की किताबें 1,50,000 से अधिक हैं। इन पुस्तकों की अनुमानित कीमत 50 करोड़ रुपए से अधिक बताई जा रही है। बताया जा रहा है कि इन पुस्तकों को यूपी, उत्तराखंड और दिल्ली सहित कई राज्यों में खरीदारों को आपूर्ति की जानी थी। कथित तौर पर किसी भी संदेह से बचने के लिए पुस्तकों को बीजेपी के झंडा लगे वाहनों में रखकर स्थानांतरित किया जाता था।
6 प्रिंटिंग प्रेस बरामद, कई गिरफ्तार
यूपी एसटीएफ, एमआई और लोकल पुलिस टीम की संयुक्त टीम ने इस छापेमारी में शुभम (30 वर्ष) और 5 महिला श्रमिकों सहित 17 पुरुषों को गिरफ्तार किया गया है। हालांकि, महिला श्रमिकों को बाद में छोड़ दिया गया, लेकिन सभी पुरुष श्रमिकों को अभी भी हिरासत में रखा गया है और पूछताछ की जा रही है। बताया जा रहा है इस अवैध कारखाने का मालिक सचिन गुप्ता (30 वर्ष) गिरफ्तार किए जाने से पहले ही भाग निकले। सचिन गुप्ता दिल्ली रोड पर सब्जी मंडी के पास मोहकमपुर एन्क्लेव में मुख्य कारखाने में पहुंचे और वहां रखी किताबों को जलाकर नष्ट कर दिया। जब तक पुलिस फैक्ट्री पहुंची तब तक ज्यादातर किताबें जल चुकी थीं। हालांकि पुलिस टीम ने वहां से 6 प्रिंटिंग मशीनें जब्त की हैं।
फिलहाल, जब्त की गई वस्तुओं/पुस्तकों और पकड़े गए लोगों की जांच के साथ आगे की तफ्तीश की जा रही है। इसके बाद आरोपियों पर मामला दर्ज किया जाएगा। इस जब्ती ने निस्संदेह शहर में करोड़ों की संपत्ति के साथ अपनी तरह की एक धोखाधड़ी गतिविधि का खुलासा किया है। यह आश्चर्यजनक है कि इस तरह की सुविधाओं पर किसी का ध्यान नहीं जा रहा है।