नई दिल्ली: पुलिस ने 24 वर्ष के एक व्यक्ति और एक टैक्सी चालक को नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) के एक कर्मचारी का कथित तौर पर अपहरण करने और उसका मोबाइल फोन चोरी करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। पुलिस द्वारा शुक्रवार को दी गई जानकारी के मुताबिक, आरोपियों की पहचान वैभव चतुर्वेदी और कैब चालक कंवर सिंह (37) के रूप में हुई है। पुलिस ने बताया कि चतुर्वेदी 7 जनवरी को वाराणसी से दिल्ली आया था। पुलिस ने बताया कि जब उसका विमान राष्ट्रीय राजधानी में उतरने वाला था, वह वॉशरूम जाना चाहता था लेकिन उड़ान के कर्मचारियों द्वारा इसकी अनुमति नहीं दी गई, जिससे दोनों पक्षों के बीच बहस होने लगी।
‘DGCA कर्माचारियों को नशे में देखकर आया गुस्सा’
पुलिस ने बताया कि अगले दिन चतुर्वेदी, टैक्सी चालक के साथ DGCA कार्यालय में घटना की शिकायत करने गया। पुलिस ने कहा कि उसने दावा किया कि DGCA कार्यालय में उसने 3-4 लोगों को नशे में देखा और वह गुस्से में आ गया। पुलिस के अनुसार इसके बाद चतुर्वेदी ने स्वयं को एक वरिष्ठ अधिकारी बताया और DGCA कार्यालय में एक कनिष्ठ सचिवालय सहायक सुरेंद्र सिंह को उसका मेडिकल कराने के लिए जबर्दस्ती कार में सफदरजंग अस्पताल ले गया। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मेडिकल नहीं हो सका लेकिन चतुर्वेदी ने DGCA कर्मचारी का मोबाइल फोन और पहचान पत्र छीन ले गया। अधिकारी ने बताया कि उसने अस्पताल में सिंह के सहयोगियों में से एक का भी मोबाइल फोन छीन लिया।
‘कर्मचारियों को छोड़ा लेकिन फोन वापस नहीं किए’
अधिकारी ने बताया कि बाद में आरोपियों ने DGCA के कर्मचारियों को बीपी मार्ग पर कोटला ट्रैफिक सिग्नल के पास छोड़ दिया लेकिन उनके फोन वापस नहीं किए। इसकी बजाय उसने अपना मोबाइल फोन नंबर उन्हें दिया और मौके से भाग गया। पुलिस उपायुक्त (दक्षिण) अतुल कुमार ठाकुर ने कहा कि जांच के दौरान, DGCA कार्यालय और सफदरजंग अस्पताल से CCTV फुटेज प्राप्त किए गए और एक विस्तृत जांच की गई। उन्होंने बताया कि पाया गया कि चतुर्वेदी रोहिणी में रहता है। उन्होंने बताया कि उसे उसके घर से पकड़ा गया और उसके द्वारा मुहैया कराई गई जानकारी के आधार पर टैक्सी चालक को भी गिरफ्तार कर लिया गया।
‘यूपी के वारणसी का मूल निवासी है वैभव चतुर्वेदी’
अधिकारी ने बताया कि आरोपियों के कब्जे से 2 मोबाइल फोन और DGCA का एक पहचान पत्र बरामद किया गया। पुलिस ने बताया कि चतुर्वेदी उत्तर प्रदेश के वाराणसी का मूल निवासी है। पुलिस ने बताया कि उसने बिजनेस एडमिंस्ट्रेशन और कानून में स्नातक किया है और वाराणसी में सड़क निर्माण के एक ठेकेदार के रूप में काम किया है, लेकिन वर्तमान में बेरोजगार है। पुलिस ने बताया कि चतुर्वेदी पिछले 6 महीने से टैक्सी ड्राइवर को जानता था। पुलिस ने बताया कि उसने कई मौकों पर उसका वाहन किराए पर लिया था। टैक्सी ड्राइवर ने पुलिस को बताया कि उसने आरोपी के निर्देशों का पालन किया क्योंकि उसे लगा कि वह एक वरिष्ठ अधिकारी है। (भाषा)