सुकमा: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में एक इनामी नक्सली समेत दो नक्सलियों ने सुरक्षाबलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है। पुलिस अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। सुकमा जिले के पुलिस अधिकारियों ने बताया कि दो नक्सलियों पोड़ियाम गंगा (36) और उईका नंदा (23) ने सुरक्षाबलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। उन्होंने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाला नक्सली गंगा दंडकारण्य आदिवासी किसान मजदूर संघ का अध्यक्ष है, उसपर एक लाख रुपए का ईनाम था।
समाज की मुख्यधारा में शामिल होंगे दोनों नक्सली
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि नक्सलियों ने पूना नर्कोम अभियान (नयी सुबह, नयी शुरुआत) से प्रभावित होकर और माओवादी नेताओं के भेदभावपूर्ण व्यवहार से तंग आकर हिंसा का मार्ग छोड़ समाज की मुख्यधारा में शामिल होने का फैसला किया है। उन्होंने बताया कि नक्सलियों के खिलाफ जिले में नक्सली घटनाओं में शामिल होने का आरोप है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को राज्य सरकार की पुनर्वास नीति के तहत सहायता प्रदान की जाएगी।
नक्सलियों को मिलते हैं ये लाभ
बता दें कि छत्तीसगढ़ में आत्मसमर्पण करने पर नक्सलियों को 25 हजार रुपये मुआवजा राशि मिलती है। सरेंडर करने पर अन्य लाभ भी मिलेंगे। हार्ड-कोर रैंक होल्डर नक्सली के लिए आत्मसमर्पण की मुआवजा राशि 10 लाख रुपये है।
बीजापुर में छह नक्सली अरेस्ट हुए थे
इससे पहले रविवार को पुलिस ने बीजापुर में दो स्थानों पर छापेमारी कर एक महिला नक्सली सहित छह नक्सलियों को गिरफ्तार कर लिया कर लिया था। पुलिस के मुताबिक, महिला नक्सली के सिर पर एक लाख रुपये का इनाम था। बीजापुर के पुलिस अधीक्षक जितेंद्र कुमार यादव ने बताया कि महिला नक्सली राम बाई को स्थानीय पुलिस, कमांडो बटालियन फॉर रिजॉल्यूट एक्शन (कोबरा) की 204 बटालियन और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की 151 वीं बटालियन द्वारा पामेड़ पुलिस थाना क्षेत्र के अंतर्गत जारपल्ली गांव के पास जंगल से पकड़ा गया। बीजापुर के पुलिस अधीक्षक ने कहा, ‘‘ यह संयुक्त टीम जारपल्ली और आमपुर इलाके में नक्सल विरोधी अभियान पर निकली थी।