अंबिकापुरः छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में फूस की एक झोपड़ी में आग लगने से तीन भाई-बहनों की जलकर मौत हो गई। इन बच्चों की आयु दो वर्ष से आठ वर्ष के बीच थी। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना कमलेश्वरपुर थाना क्षेत्र के बरिमा गांव में शनिवार देर रात उस समय हुई जब बच्चों की मां मिट्टी का चूल्हा जलाकर पड़ोसी के घर चली गई। उन्होंने बताया कि महिला सुधनी बाई ने रात करीब नौ बजे चूल्हा जलाया और अपनी दूसरी बड़ी बेटी को ढूंढने के लिए पड़ोसी के घर चली गई।
2-8 वर्ष के बीच थी बच्चों की उम्र
अधिकारी ने एक बयान में कहा कि महिला देर रात करीब तीन बजे लौटीं और देखा कि पूरी झोपड़ी जलकर खाक हो गई है। पुलिस ने कहा कि प्रथम दृष्टया लगता है कि चूल्हे की लपटों के कारण झोपड़ी में आग लग गई और मामले की जांच की जा रही है। अधिकारी ने बताया कि मृतकों की पहचान कुमारी गुलाबी (आठ), उसकी बहन सुषमा (चार) और भाई राम प्रसाद (दो) के रूप में की गई है।
गांव के लोग आग बुझाने में नाकाम रहे
बताया जा रहा हैं की बच्चों की मां घर का दरवाजा बाहर से बंद कर पड़ोस में गई थी। वापस लौटी तो कच्चे घर को आग से घिरा हुआ पाई। आस पड़ोस के लोग जब तक आग बुझाने की कोशिश कर पाते तब तक पूरा घर आग की चपेट में आ गया। कच्चे और झोपड़ीनुमा घर में आग काफी तेजी से फैली। ग्रामीणों ने आग बुझाने की कोशिश की मगर संसाधनों की कमी के कारण नाकाम रहे। माझी परिवार के इस घर में सुबह तीन बच्चों का भस्मीभूत शव मिला। बड़ी संख्या में लोगों की गांव में भीड़ लग गई। घटना से ग्रामीणों में शोक है।
इनपुट-भाषा