राष्ट्रीय इनवेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) की तर्ज पर छत्तीसगढ़ में राज्य इनवेस्टिगेशन एजेंसी (एसआईए) का गठन होगा। सीएम विष्णुदेव साय की कैबिनेट ने इसकी मंजूरी दे दी है। सरकार की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार, छत्तीसगढ़ में आतंकवाद, नक्सलवाद, वामपंथी उग्रवादी जैसे विशेष मामलों, प्रकरणों में त्वरित एवं प्रभावी जांच के लिए राज्य इनवेस्टिगेशन एजेंसी (एस.आई.ए.) के गठन का निर्णय लिया गया है।
एनआईए के लिए काम करेगी एसआईए
यह एजेंसी राष्ट्रीय इनवेस्टिगेशन एजेंसी (एन.आई.ए.) के साथ समन्वय के लिए राज्य के नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करेगी। इसके लिए एक पुलिस अधीक्षक सहित कुल 74 नवीन पदों का निर्माण किया गया है।
कैबिनेट के अहम फैसले
सीएम साय ने ट्वीट कर बताया कि कैबिनेट की मीटिंग में कई अहम फैसले लिए गए। सीएम ने बताया कि छत्तीसगढ़ आर्थिक सलाहकार परिषद का गठन होगा। हमारी सरकार द्वारा वर्ष 2024-25 का वार्षिक बजट प्रस्तुत करते समय छत्तीसगढ़ की वर्तमान जीएसडीपी 5 लाख करोड़ को आगामी 5 सालों में 10 लाख करोड़ करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके अलावा लोकतंत्र प्रहरियों (मीसाबंदियों) को सम्मान निधि फिर से मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार की जनकल्याणकारी नीतियों के सफल क्रियान्वयन, उपलब्ध संसाधनों के सर्वोत्तम संभव उपयोग हेतु और जनसमस्याओं के त्वरित समाधान के लिए पृथक विभाग "सुशासन एवं अभिसरण विभाग" का गठन करने का हमारी सरकार ने निर्णय लिया है।
राज्य नीति आयोग छत्तीसगढ़ का गठन
सीएम साय ने बताया कि अब राज्य योजना आयोग छत्तीसगढ़ "राज्य नीति आयोग छत्तीसगढ़" कहलायेगा। केंद्र सरकार की तर्ज़ पर इसका गठन करने का निर्णय लिया है। सीएम ने कहा कि हमारी सरकार द्वारा कैबिनेट की बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की एक और गारंटी को पूरा करते हुए राज्य के किसानों के हित में एक बड़ा फैसला लेते हुए खरीफ वर्ष 2023-24 से "कृषक उन्नति योजना" लागू करने का निर्णय लिया गया है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति होगी लागू
सीएम साय ने बताया कि छत्तीसगढ़ के उच्च शिक्षा विभाग में "राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020" को लागू करने का निर्णय लिया गया है। राज्य में राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू किए जाने से युवाओं में तार्किक क्षमता के संवर्धन के साथ ही उनका सर्वागींण विकास होगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में एकाधिक प्रवेश एवं एकाधिक निकास की सुविधा होने से युवाओं को परिस्थिति एवं आवश्यकतानुसार उच्च शिक्षा प्राप्त करने का विकल्प मिलेगा। ग्रेड आधारित निरंतर मूल्यांकन और आंतरिक मूल्यांकन होने से विद्यार्थियों को अंतिम परीक्षा के तनाव से मुक्ति मिलेगी। उच्च शिक्षा में सूचना प्रौद्योगिकी के व्यापक विस्तार से प्रदेश के युवाओं की पहुंच वैश्विक स्तर तक हो जाएगी।