छत्तीसगढ़ में 27 सितंबर से जारी कांग्रेस की 'न्याय यात्रा' बुधवार को गांधी जयंती के मौके पर समाप्त हो गई। यात्रा के समापन के बाद पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए छत्तीसगढ़ के लिए कांग्रेस के प्रभारी सचिन पायलट ने केंद्र और राज्य की बीजेपी सरकार पर निशाना साधा। कांग्रेस नेता ने कहा कि उनकी पार्टी ने छत्तीसगढ़ में अपनी 'न्याय यात्रा' के जरिए लोगों का विश्वास जीता है और अहंकार की राजनीति अब काम नहीं करेगी।
कांग्रेस की छत्तीसगढ़ इकाई के प्रमुख दीपक बैज के नेतृत्व में ‘न्याय यात्रा’ 27 सितंबर को बलौदाबाजार-भाटापारा जिले में सतनामी समुदाय के आस्था के केंद्र गिरौदपुरी से शुरू हुई। छह दिन में 125 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद बुधवार को रायपुर में पदयात्रा का समापन हुआ। इस दौरान सचिन पायल ने अपने संबोधन में केंद्र और राज्य की बीजेपी सरकार पर उनकी पार्टी के नेताओं की आवाज को दबाने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि राज्य में बीजेपी के पिछले 10 माह के कार्यकाल में छत्तीसगढ़ में आपराधिक घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं और यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि राज्य सरकार अपनी नाकामी को छिपाने के लिए कांग्रेस को बदनाम करने की कोशिश कर रही है।
"यहां की सरकार कांग्रेस को खत्म करना चाहती है"
सचिन पायलट ने आरोप लगाया, "राज्य सरकार कांग्रेस नेताओं को झूठे आरोपों में फंसा रही है। चाहे केंद्र की बीजेपी सरकार हो या राज्य की, वे कांग्रेस नेताओं की आवाज दबाने के लिए इनकम टैक्स, सीबीआई और ईडी का इस्तेमाल करते हैं।" उन्होंने कहा, "न्याय यात्रा के जरिए हमने लोगों का विश्वास जीता है। अहंकार, हमले और दबाव की राजनीति अब नहीं चलेगी। आप (बीजेपी) सत्ता में आए हैं, इसलिए आपको विपक्ष को डराने के बजाय अपने घोषणापत्र में किए गए वादों को पूरा करना चाहिए।" उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में लोगों ने सुशासन के लिए सरकार चुनी थीं, लेकिन यहां की सरकार कांग्रेस को खत्म करना चाहती है। पायलट ने कहा, "हम महात्मा गांधी को मानते हैं। सत्य, अहिंसा, सद्भावना और कड़ी मेहनत के मूल्य हमारे भीतर हैं, लेकिन हमारी गांधीवादी सोच, हमारी शालीनता को हमारी कमजोरी मत समझिए। अगर आप लोगों का शोषण करना बंद नहीं करेंगे, अगर आप झूठे मुकदमे दर्ज करना बंद नहीं करेंगे, अगर आप बदले की राजनीति बंद नहीं करेंगे, तो कांग्रेस इसका मुंहतोड़ जवाब देगी।"
इस यात्रा को भारी समर्थन मिला है: प्रमुख दीपक बैज
कांग्रेस की छत्तीसगढ़ इकाई के प्रमुख दीपक बैज ने अपने संबोधन में कहा कि 'न्याय यात्रा' का उद्देश्य लोगों को राज्य की बीजेपी सरकार की नाकामियों से अवगत कराना है। उन्होंने दावा किया कि इस यात्रा को भारी समर्थन मिला है। उन्होंने राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर बहस के लिए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को भी आमंत्रित किया। उन्होंने दावा किया, "बीजेपी सरकार ने छत्तीसगढ़ को जलने पर मजबूर कर दिया है। 9 माह की सरकार छत्तीसगढ़ को दूसरा मणिपुर बना रही है। हत्या, लूट, चेन लूट, दुष्कर्म की घटनाएं बढ़ रही हैं। हमारी बहनें और माताएं डर के साये में जी रही हैं।" बैज ने कहा हमने बिगड़ती कानून व्यवस्था के खिलाफ खंड स्तर से लेकर राज्य स्तर तक लड़ाई लड़ी। उन्होंने कहा, "हमने छत्तीसगढ़ बंद किया और सरकार को नींद से जगाने के लिए विधानसभा घेराव किया, लेकिन अब लोगों को इस सरकार से कोई उम्मीद नहीं है।" बैज ने कहा कि मुख्यमंत्री समेत बीजेपी नेताओं ने न्याय यात्रा पर निशाना साधते हुए बोला था कि विपक्षी पार्टी को लोगों के लिए न्याय मांगने के बजाय उनसे माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा, "मैं पूछना चाहता हूं कि किस सरकार के दौरान झीरम घाटी हमला (2013), ताड़मेटला में नक्सलियों द्वारा 76 जवानों की हत्या (2010), झलियामारी यौन शोषण मामला (2013), जिलाधिकारी कार्यालय और पुलिस अधीक्षक कार्यालय में तोड़फोड़ (इस साल जून) और फर्जी मुठभेड़ जैसी घटनाएं हुई हैं।" उन्होंने कहा, "इन सवालों का जवाब कौन देगा? मैं सीएम साहब को इस पर बहस के लिए चुनौती देना चाहता हूं। सीएम साहब आप तारीख, समय और स्थान तय करें। मैं बहस के लिए तैयार हूं।"
"लोहारीडीह में घटनाएं गृह मंत्री के इशारे पर पर हुईं"
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी महात्मा गांधी के सिद्धांतों पर चलती है, गोडसे के नहीं। बैज ने राज्य के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा पर निशाना साधा और दावा किया कि कबीरधाम जिले के अंतर्गत लोहारीडीह में घटनाएं गृह मंत्री के इशारे पर पर हुईं। पिछले महीने छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले के लोहारीडीह निवासी कचरू साहू का शव मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले के अंतर्गत बीजाटोला गांव में पेड़ से लटका बरामद किया गया था। उसी दिन लोहारीडीह के ग्रामीणों ने उप सरपंच रघुनाथ साहू के घर पर हमला किया और कचरू की हत्या के संदेह में घर में आग लगा दी। घटना में रघुनाथ की मौत हो गई, जबकि उनकी पत्नी समेत उसके परिवार के तीन सदस्यों को पुलिस ने घायल अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराया। बाद में रघुनाथ के घर को आग लगाने के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए 69 लोगों में से एक व्यक्ति प्रशांत साहू की न्यायिक हिरासत में मौत हो गई। इस अवसर पर राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता चरणदास महंत, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव और पार्टी के अन्य नेता मौजूद थे। (भाषा)
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