एक ओर जहां सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा पर ईडी का शिकंजा कस रहा है, वहीं दूसरी ओर छत्तीसगढ़ में अब पूर्व मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह के दामाद की मुश्किलें बढ़ रही हैं। गुरुवार को छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले की अदालत ने गुरूवार को अंतागढ़ उपचुनाव मामले में पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के दामाद पुनीत गुप्ता और कांग्रेस के प्रत्याशी रहे मंतुराम पवार की अग्रिम जमानत की याचिका को खारिज कर दिया है।
गुप्ता और पवार के वकील हितेंद्र तिवारी ने बताया कि शहर के पंडरी थाना में इस महीने की तीन तारीख को कांग्रेस की नेता किरणमयी नायक द्वारा रिपोर्ट दर्ज करवाने के बाद गुप्ता और पवार ने अदालत में अग्रिम जमानत के लिए आवेदन दिया था। जमानत की अर्जी पर आज सुनवाई के बाद चतुर्थ अतरिक्त जिला और सत्र न्यायधीश विवेक कुमार वर्मा की अदालत ने अर्जी को खारिज कर दिया।
तिवारी ने बताया कि अग्रिम जमानत की अर्जी की सुनवाई के दौरान उन्होंने अदालत को बताया कि पूर्व में कांग्रेस ने इस मुद्दे पर छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की थी लेकिन इसे खारिज कर दिया गया था। अधिवक्ता ने बताया कि उन्होंने अदालत में कहा कि राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद सरकार के दबाव में यह प्राथमिकी दर्ज की गई है।
क्या है मामला:
यह मामला रायपुर जिले की अंतागढ़ विधानसभा क्षेत्र उपचुनाव से जुड़ा है। यहां तत्कालीन कांग्रेस प्रत्याशी मंतूराम पवार ने ऐन मौक पर आवेदन वापस ले लिया था। इससे उपचुनाव में बीजेपी को एक तरह से वाकओवर मिल गया। इसके बाद फोनटेप जारी हुआ था, जिसमें कथित रूप से पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के बेटे तत्कालीन मारवाही विधायक अमित जोगी और डॉ. रमन सिंह के दामाद डॉ. पुनीत गुप्ता के बीच बातचीत होनी बताई गई थी। आरोप लगाया गया कि पैसे का लेनदेन कर मंतूराम पवार ने नामांकन वापस ले लिया था।