रायपुर। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले के दूरदराज के इलाकों में रहने वाले लोगों को पुलिस सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से 'अंजोर रथ' का शुभारंभ किया गया है। यह एक पहियों पर चलने वाला थाना है जो दूरस्थ क्षेत्रों ग्रामीणों को पुलिस सहायता मुहैया करवाएगा।
सुकमा जिले के पुलिस अधीक्षक शलभ सिन्हा ने बताया कि जिले के दूरदराज के इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए पुलिस सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से अंजोर रथ का शुभारंभ किया गया। ‘अंजोर’ छत्तीसगढ़ी भाषा का शब्द है जिसका अर्थ ‘उजाला’ होता है।
उन्होंने बताया कि राज्य के लोगों को न्याय दिलाने के उद्देश्य से पुलिस विभाग ने सभी जिलों में अंजोर रथ (चलित पुलिस थाना) शुरू करने का फैसला किया है। इसकी शुरूआत बुधवार को सुकमा जिले में की गई।
सिन्हा ने बताया कि उन्होंने, जिला कलेक्टर चंदन कुमार और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी ने हरी झंडी दिखाकर रथ को रवाना किया।
पुलिस अधीक्षक ने कहा कि इस रथ के माध्यम से अपराधों की शिकायत दर्ज करने और उसका तेजी से निराकरण करने में मदद मिलेगी। सिन्हा ने कहा कि इसके साथ ही यह रथ इस नक्सल प्रभावित क्षेत्र में सामुदायिक पुलिस के कार्यक्रमों की तरह लोगों से जुड़ने और उनके साथ बेहतर संबंध बनाने में मदद करेगा। साथ ही यह चलित पुलिस थाना पुलिस और आदिवासियों के बीच बेहतर तालमेल बनाने में भी मदद करेगा।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि अंजोर रथ जिले के सभी पुलिस थाना क्षेत्रों को कवर करेगा। यह रथ जिस पुलिस थाना क्षेत्र से गुजरेगा, संबंधित थाना कर्मी इस वाहन में रहेंगे। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि सुकमा जिला नक्सल प्रभावित है, इसलिए चलित पुलिस थाना 'अंजोर रथ' को अतिरिक्त सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी।