छत्तीसगढ़ में नक्सलियों ने एक शख्स की हत्या कर दी। घटना नक्सल प्रभावित नारायणपुर जिले के ओरछा थाना क्षेत्र के अंतर्गत ओरछा गांव की है। मृतक शख्स की उम्र 30 वर्ष बताई जा रही है। घटना की जानकारी पुलिस अधिकारियों ने दी। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि ओरछा गांव में लगने वाले साप्ताहिक बाजार में बुधवार शाम नक्सलियों ने मोहम्मद इकबाल की गला रेत कर हत्या कर दी।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, जब इकबाल गांव के साप्ताहिक बाजार में था, तब सशस्त्र नक्सलियों के एक ग्रुप ने उसे घेर लिया और गला रेतकर उसकी हत्या कर दी, इसके बाद वहां से फरार हो गए। उन्होंने बताया कि इकबाल दुर्ग जिले के जामुल गांव का निवासी था। वह प्लंबर का काम करता था और पिछले तीन माह से जिले में जल जीवन मिशन के तहत पेयजल नल कनेक्शन विस्तार कार्य में लगा हुआ था।
कोई माओवादी पोस्टर बरामद नहीं
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस दल को घटनास्थल के लिए रवाना किया गया और शव को बरामद किया गया। उन्होंने बताया कि हत्या के कारणों के बारे में जानकारी नहीं मिली है और मौके से कोई माओवादी पर्चा या पोस्टर बरामद नहीं किया गया है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और हमलावरों की तलाश शुरू कर दी गई है।
चार माओवादियों को उम्रकैद
वहीं, एक अन्य खबर में छत्तीसगढ़ में एक विशेष एनआईए अदालत ने प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) के चार सदस्यों को राज्य में 2014 में घात लगाकर किए गए हमले में शामिल रहने के लिए उम्रकैद की सजा सुनाई है। हमले में सीआरपीएफ के 11 जवान और चार पुलिसकर्मी समेत 16 लोग मारे गए थे। एनआईए के एक प्रवक्ता ने मंगलवार को बताया कि जगदलपुर की अदालत ने राज्य के बस्तर और सुकमा जिलों के महादेव नाग, कवासी जोगा, दयाराम बघेल और मनीराम माड़िया को दोषी ठहराया। अधिकारी ने कहा कि वे भाकपा (माओवादी) के वरिष्ठ नेताओं की देखरेख और निर्देशों के तहत काम करने वाले एक ‘गैरकानूनी संघ’ के सदस्य थे। सुकमा जिले में मार्च 2014 में 100 सशस्त्र माओवादियों ने एक संयुक्त गश्ती दल पर घात लगाकर हमला कर दिया था, जिसमें सीआरपीएफ के 11 जवान, राज्य पुलिस के चार कर्मी और एक आम नागरिक मारे गए। (इनपुट- भाषा)
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