कांकेर: छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले की पुलिस ने भारतीय जनता पार्टी के नेता असीम राय की हत्या के आरोप में कांग्रेस नेता और पखांजूर नगर पंचायत के अध्यक्ष समेत 11 लोगों को गिरफ्तार किया है । मामले में एक अन्य आरोपी फरार है। पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद नगर पंचायत अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था, जिसके लिए अध्यक्ष भाजपा नेता को जिम्मेदार मान रहा था। कुर्सी के लिए लड़ाई ही इस हत्या की वजह बनी।
नगर पंचायत अध्यक्ष बप्पा गांगुली गिरफ्तार
कांकेर जिले के पुलिस अधीक्षक दिव्यांग पटेल ने संवाददाता सम्मेलन में बताया कि इस महीने की सात तारीख को पखांजूर कस्बे में भाजपा के जिला उपाध्यक्ष और पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष असीम राय की हत्या के मामले में पुलिस ने कांग्रेस नेता और नगर पंचायत अध्यक्ष बप्पा गांगुली (57), कांग्रेस पार्टी के पार्षद विकास पाल (47) और जितेंद्र बैरागी (37) समेत 11 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। पटेल ने बताया कि असीम राय पर गोली चलाने वाला विकास तालुकदार फरार है, जिसकी तलाश की जा रही है।
एसआईटी का किया गया था गठन
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि सात जनवरी को पखांजूर के पुराना बाजार इलाके में असीम राय की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हत्या की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया था। पुलिस अधिकारी ने बताया कि मामले की जांच के दौरान एसआईटी ने पखांजूर शहर के सभी सीसीटीव्ही का अवलोकन किया तब जानकारी मिली कि मोटरसाइकिल सवार दो आरोपियों ने घटना के दिन असीम राय का उनके कॉम्प्लेक्स से घर जाने के दौरान पीछा किया और मोटरसाइकिल में पीछे बैठे आरोपी ने राय पर गोली चलाकर हत्या कर दी।
पूछताछ में उगले राज
उन्होंने बताया कि पुलिस ने गोली चलाने वाले आरोपी की पहचान विकास तालुकदार के रूप में की और बाद में उसके एक मित्र नीलरतन मंडल को हिरासत में लेकर पूछताछ की। पूछताछ के दौरान मंडल ने हत्या के लिए रचे गए षड़यंत्र की जानकारी पुलिस को दी। पटेल ने बताया कि पखांजूर क्षेत्र के निवासी सोमेंद्र मंडल, सुरजीत और रीपन ने नीलरतन से कहा था कि कांग्रेस नेता बप्पा गांगुली, विकास पाल और जितेंद्र बैरागी भाजपा नेता असीम राय की हत्या करवाना चाहते हैं। इसके बाद नीलरतन ने असीम राय की हत्या के लिए अपने मौसेरे भाई शार्प शूटर विकास तालुकदार और जयंत विश्वास की मुलाकात सोमेंद्र से करवायी।
7 लाख रुपये की दी थी सुपारी
राय की हत्या के लिए नीलरतन, विकास और जयंत ने सात लाख रुपए की सुपारी ली। पुलिस अधिकारी ने बताया कि बाद में पुलिस ने सोमेंद्र मंडल को हिरासत में ले लिया और उससे पूछताछ की। सामेंद्र ने असीम की हत्या में शामिल होना स्वीकार कर लिया। उसने पुलिस को बताया कि राज्य में भाजपा के नेतृत्व में नई सरकार के गठन के बाद नगर पंचायत अध्यक्ष बप्पा गांगुली के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था और उसकी कुर्सी खतरे में थी। उन्होंने बताया कि पार्षद विकास पाल को डर था कि उसका पखांजूर में होटल का अवैध निर्माण भी तोड़ा जायेगा, और दोनों ही इसके लिए असीम राय को जिम्मेदार मानते थे।
पुरानी रंजिश
उन्होंने बताया कि जितेंद्र बैरागी की भी असीम राय के साथ पुरानी रंजिश थी और वह भी राय को रास्ते से हटाना चाहता था। इसके बाद तीनों ने सोमेंद्र को राय की हत्या करवाने की जिम्मेदारी दी। हत्या के लिये पैसे की व्यवस्था बप्पा गांगुली और विकास पाल ने किया तथा जितेन्द्र बैरागी को राय की रेकी करने की जिम्मेदारी दी गयी। जितेंद्र बैरागी ने अन्य साथियों के साथ मिलकर राय की रेकी की। पुलिस अधिकारी ने बताया कि पैसे मिलने के बाद नीलरतन ने पिस्टल खरीदा और विकास तालुकदार ने अपने अन्य साथी गोपीदास के साथ मिलकर घटना को अंजाम दिया। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि पुलिस ने गोपीदास के घर से मोटरसाइकिल, तीन लाख रुपए और अन्य सामान बरामद कर लिया है। विकास की तलाश की जा रही है।
(इनपुट-भाषा)