अंबिकापुर: छत्तीसगढ़ के आदिवासी बहुल सरगुजा जिले में पहली बार जिलाधिकारी की अदालत से मामलों की सुनवाई का सीधा प्रसारण किया गया जिससे दूर-दराज के इलाकों में रहने वाले लोगों तक अदालती कार्यवाही में पारदर्शिता और पहुंच सुनिश्चित की जा सके। राज्य की राजधानी रायपुर से लगभग 300 किलोमीटर दूर स्थित उत्तर छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में नवनियुक्त जिलाधिकारी विलास भोस्कर संदीपन ने यह पहल की है।
सरगुजा राज्य का पहला जिला बना
सरगुजा जिलाधिकारी की अदालत से मुकदमों की सुनवाई का पहला सीधा प्रसारण बृहस्पतिवार को किया गया। अधिकारियों ने बताया कि यह राज्य का पहला जिला है जहां जिलाधिकारी की अदालती कार्यवाही का सीधा प्रसारण किया गया है। जिलाधिकारी जिला दंडाधिकारी भी है। उन्होंने बताया कि सुनवाई का 'सीधा प्रसारण' देखने के लिए ऑनलाइन लिंक जिला प्रशासन की वेबसाइट पर उपलब्ध रहेगा। सीधा प्रसारण जिला प्रशासन के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर देखा जा सकता है।
डीएम ने कही ये बातें
जिलाधिकारी संदीपन ने बताया कि यह पहल बृहस्पतिवार (14 मार्च) से शुरू की गई और इसे जारी रखा जाएगा। उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी की अदालत सप्ताह में हर बृहस्पतिवार को लगती है तथा एक दिन में 50-60 मामलों की सुनवाई होती है। इस पहल के कारणों के बारे में पूछे जाने पर जिलाधिकारी ने कहा, ''मुझे इस साल जनवरी में आदिवासी बहुल जिले में तैनात किया गया था। बहुत सारे लोग अलग-अलग शिकायतें लेकर मेरे पास आते हैं जैसे उन्हें मामले में पक्ष नहीं बनाया गया, उन्हें सुनवाई के बारे में पता नहीं था और उनके वकील ने उनके पक्ष में ठीक से बहस नहीं की।
उन्होंने कहा, '' जो लोग अर्धसैनिक बलों और सेना में हैं, उनमें से कई ने भी मुझे बताया कि वे सुनवाई में शामिल होने में असमर्थ हैं और उनके माता-पिता भी नहीं आ सकते हैं। यहां तक कि कुछ लोगों ने स्वास्थ्यगत कारणों का हवाला देकर अपने मामलों की पावर ऑफ अटॉर्नी दूसरों को सौंप दी है, लेकिन सुनवाई का विवरण जानना चाहते हैं। दूर-दराज के इलाकों में रहने वाले आदिवासी भी हर सुनवाई में शामिल होने के लिए नहीं आ सकते हैं।
पारदर्शिता लाने की कोशिश
जिलाधिकारी ने कहा इन सभी मुद्दों को देखते हुए पारदर्शिता और लोगों तक कार्यवाही की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए मामलों की सुनवाई का सीधा प्रसारण करने का निर्णय लिया गया। उन्होंने कहा कि इस कदम से लोगों को कानूनी प्रक्रिया को समझने और यह देखने में भी मदद मिलेगी कि वकील मामलों पर कैसे बहस करते हैं। संदीपन ने कहा कि इस क्षेत्र में जिलाधिकारी न्यायालय में सुने जाने वाले लगभग 99 प्रतिशत मामले जमीन से संबंधित हैं।
इनपुट-भाषा