छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले में एक दंपति और उनके दो बेटों ने अपने घर पर जहर खाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने रविवार को यह जानकारी दी। एक अधिकारी ने बताया कि परिवार के सभी सदस्य शुक्रवार को गंभीर हालत में पाए गए। इसके बाद उन्हें अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया, लेकिन शनिवार को इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया।
पुलिस ने शवों की पहचान की
पुलिस ने बताया कि मृतकों की पहचान पंचराम यादव (66), उनकी पत्नी दिनेश नंदिनी (55) बेटे सूरज (27) और नीरज (32) के रूप में हुई है। वे कोतवाली थाना अंतर्गत बोधा तालाब इलाके के रहने वाले थे। उन्होंने बताया कि पंचराम कांग्रेस की जिला इकाई के पूर्व पदाधिकारी थे।
30 अगस्त को खाया जहर
जांजगीर-चांपा के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेंद्र जयसवाल ने कहा, 'परिवार के लोगों ने 30 अगस्त को जहर खा लिया और उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। लेकिन बाद में नीरज को बिलासपुर के छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान (CMS) में रेफर कर दिया गया और तीन अन्य को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया।'
नहीं मिला सुसाइड नोट
उन्होंने बताया कि घटनास्थल से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है। अधिकारी ने बताया कि परिवार द्वारा आत्महत्या करने के कारण का अभी पता नहीं चल पाया है। उन्होंने बताया कि इस घटना के संबंध में दुर्घटनावश मौत का मामला दर्ज कर लिया गया है।
बंद था घर का मुख्य दरवाजा
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि प्रारंभिक जांच करने पर पता चला है कि परिवार ने अपने घर का मुख्य दरवाजा बाहर से बंद कर लिया था और फिर जहर खाकर आत्महत्या कर ली। उन्होंने बताया कि घर में अक्सर आने-जाने वाली एक पड़ोसन को जब दरवाजा बंद मिला तो उसे कुछ गड़बड़ होने का संदेह हुआ और उसने अन्य लोगों को इसकी सूचना दी।
पड़ोसियों ने बताया कर्ज में डूबा था परिवार
अधिकारी ने बताया कि रिश्तेदार और पड़ोसी दरवाजा तोड़कर घर में घुसे तो परिवार के सभी सदस्य गंभीर हालत में मिले, जिन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। स्थानीय लोगों के अनुसार, यादव का परिवार कर्ज में डूबा हुआ था। पंचराम ठेकेदार थे, जबकि उनके बेटों ने एक व्यवसाय शुरू किया था जिसमें उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ा था।
भाषा इनपुट के साथ