छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा ने खुद के घर पर पड़े ED के छापे को डकैती बताया। उन्होंने कहा कि मेरे घर पर छापे की कार्रवाई बस एक काल्पनिक कहानी पर आधारित थी। साथ ही वर्मा ने अपने और सब इंस्पेक्टर चंद्रभूषण वर्मा के संबंधों को लेकर ED के दावों को बेबुनियाद बताया। ED ने सब इंस्पेक्टर चंद्रभूषण वर्मा को अवैध सट्टेबाजी ऐप 'महादेव ऑनलाइन बुक' से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के केस में गिरफ्तार किया था। इसके अलावा ED ने 3 अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया है। जिनका नाम अनिल, सुनिल दम्मानी और सतीश चंद्राकर है।
ED की कार्रवाई को गलत बताया
इसी मामले में बुधवार को रायपुर और दुर्ग जिलों में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के सदस्य वर्मा और मुख्यमंत्री के दो विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारियों (OSD) के परिसरों पर तलाशी ली गई थी। बाद में विनोद वर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए ईडी की छापेमारी को डकैती करार दिया और कहा, ‘‘मैंने अपने घर में रखे गहनों के सभी बिल पेश किए, सिवाय एक सोने के आभूषण के, जो मेरी पत्नी को उपहार में मिला था। लेकिन फिर भी उन्होंने यह कहते हुए सभी गहनों को जब्त कर लिया कि उनकी खरीददारी में मैंने किस प्रकार से भुगतान किया है।’’ वर्मा ने कहा, ‘‘उन्होंने वह नकदी भी ले ली जो मेरे बेटे के विवाह पर लोगों ने उपहार स्वरूप दी थी। इसलिए मैं इसे डकैती कह रहा हूं।’’
"ASI चंद्रभूषण से मेरा कोई लेना-देना नहीं"
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘मैं लंबे समय तक पत्रकार रहा हूं उसके बाद कुछ साल पहले ही राजनीति में आया हूं। मेरे पास कुछ भी नहीं है। ED का दावा है कि मैं 65 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग केस में शामिल हूं, लेकिन मैं कहना चाहता हूं कि मैंने एक भी पैसे का धन शोधन नहीं किया है।’’ वर्मा ने कहा, ‘‘ईडी के आरोप पिछले साल अक्टूबर में एक पत्रिका में प्रकाशित काल्पनिक समाचार लेख पर आधारित हैं। उस काल्पनिक समाचार लेख में दावा किया गया था कि चंद्रभूषण वर्मा मेरे रिश्तेदार हैं। मैंने इस समाचार लेख के खिलाफ पिछले साल दिसंबर में दुर्ग पुलिस से शिकायत की जांच की मांग की थी।’’ उन्होंने कहा, ''मैंने मामले की जांच में पुलिस को सहयोग करने का आश्वासन भी दिया था।''
"ED के पास मेरे खिलाफ कोई सबूत नहीं"
कांग्रेस नेता ने कहा कि वह गिरफ्तार एएसआई वर्मा से करीब ढाई साल पहले मिले थे और अपने (विनोद वर्मा) नाम का दुरुपयोग करने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी थी। मुख्यमंत्री के सलाहकार विनोद वर्मा ने कहा, ''मेरा एएसआई वर्मा से कोई संबंध नहीं है। मैं पूछना चाहता हूं कि ईडी और केन्द्र के पास क्या सबूत है कि मेरा उनसे कोई संबंध है? यह छापेमारी मेरे खिलाफ एक काल्पनिक कहानी और सिर्फ एक व्यक्ति (गिरफ्तार एएसआई) के बयान पर आधारित है। उनके पास कोई सबूत नहीं है।'' वर्मा ने कहा कि वह पत्रिका के खिलाफ अदालत जाएंगे। कांग्रेस नेता ने केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आलोचना करते हुए दावा किया कि ईडी की कार्रवाई राज्य में विधानसभा चुनाव से पहले उनके इशारे पर की गई है और भाजपा कांग्रेस के लिए काम करने वालों को निशाना बना रही है।
"कांग्रेस के लिए काम करने वालों को फंसाया जा रहा"
वर्मा ने कहा, ''गृह मंत्री जानते हैं कि छत्तीसगढ़ में चुनाव कौन जीतने वाला है। प्रधानमंत्री एक तानाशाह की तरह काम कर रहे हैं और अपने राजनीतिक विरोधियों को कुचलने की कोशिश कर रहे हैं। वे (भाजपा) भूपेश बघेल के लिए काम करने वाले हर व्यक्ति को निशाना बना रहे हैं। पिछली बार भी विधानसभा चुनाव से पहले सीडी मामले में उन्होंने मुझे इसी तरह गिरफ्तार किया था।'' उन्होंने केन्द्र पर ऑनलाइन जुए को बढ़ावा देने का भी आरोप लगाया। ईडी ने बुधवार को एक बयान में आरोप लगाया कि गिरफ्तार एएसआई चंद्रभूषण वर्मा ने मुख्यमंत्री कार्यालय से जुड़े उच्च पदस्थ अधिकारियों और राजनेताओं को प्रभावित करने के लिए मुख्यमंत्री के एक राजनीतिक सलाहकार के साथ अपने "संबंध" और दुबई से मिले हवाला फंड का इस्तेमाल किया।
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