रायपुर: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कांग्रेस विधायक कवासी लखमा और उनके बेटे के कई ठिकानों पर छापेमारी की है। ये छापेमारी कथित शराब घोटाले से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच के तहत की गई। बता दें कि कांग्रेस विधायक कवासी लखमा, कांग्रेस की सरकार में आबकारी मंत्री भी रह चुके हैं। मिली जानकारी के अनुसार धन शोधन रोकथाम अधिनियम (PMLA) के प्रावधानों के तहत कुल सात परिसरों की तलाशी ली गई। इनमें रायपुर स्थित लखमा का आवास और सुकमा जिले में उनके बेटे हरीश लखमा के परिसर के अलावा कुछ संबंधित व्यक्तियों के परिसर भी शामिल हैं।
कांग्रेस ने बीजेपी पर लगाया आरोप
वहीं कांग्रेस की प्रदेश इकाई ने आरोप लगाया कि ये छापे शहरी निकाय और पंचायत चुनावों से पहले विपक्षी पार्टी के नेताओं को परेशान करने की भारतीय जनता पार्टी की साजिश का हिस्सा हैं। बता दें कि कवासी लखमा (71) कोंटा विधानसभा सीट से 6 बार के विधायक हैं और पिछली कांग्रेस सरकार में आबकारी मंत्री रह चुके हैं। वहीं उनके बेटे हरीश लखमा सुकमा जिले में पंचायत अध्यक्ष हैं। ईडी सूत्रों ने कहा कि वे कुछ ‘‘प्रमुख आरोपियों’’ द्वारा लगाए गए इन आरोपों की जांच कर रहे हैं कि लखमा को 2020-2022 के बीच प्रति माह लगभग दो करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था, जब उनके पास आबकारी विभाग था।
शराब घोटाले का आरोप
एजेंसी के अनुसार, कथित शराब घोटाला 2019-22 के बीच तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के तहत किया गया था। एजेंसी ने पूर्व में दावा किया था, ‘‘छत्तीसगढ़ शराब घोटाले के परिणामस्वरूप सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ और शराब सिंडिकेट के लाभार्थियों को 2,100 करोड़ रुपये का फायदा हुआ।’’ प्रदेश कांग्रेस की संचार इकाई के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने आरोप लगाया कि राज्य में आगामी शहरी निकाय और पंचायत चुनाव के चलते केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस नेताओं को परेशान करने की भाजपा की साजिश है। (इनपुट- पीटीआई)
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