छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित नारायणपुर जिले में नक्सलियों ने पुलिसकर्मी के भाई का अपहरण कर उसकी हत्या कर दी। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि 30 वर्षीय सन्नू उसेंडी का शव रविवार रात जिले के ओरछा गांव के बटुमपारा चौक पर बरामद किया गया। उन्होंने बताया कि उसेंडी राज्य पुलिस की इकाई बस्तर फाइटर्स के एक सिपाही का भाई था। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जिले के कोहकामेटा इलाके का निवासी उसेंडी नारायणपुर शहर में रह रहा था और उसकी एक चाय की दुकान थी।
ओरछा में फेंक दिया शव
उन्होंने बताया कि प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, 28 जून को नारायणपुर जिला मुख्यालय से लगभग 40 किलोमीटर दूर कोहकामेटा के नजदीक कुतुल गांव के एक स्थानीय बाजार से नक्सलियों ने उसेंडी को अगवा कर लिया था। अधिकारियों ने बताया कि नक्सलियों को संदेह था कि उसेंडी पुलिस का मुखबिर है जिसके चलते उन्होंने उसकी हत्या कर दी और बाद में शव को कुतुल से लगभग 20 किलोमीटर दूर ओरछा में फेंक दिया।
उन्होंने बताया कि उसकी मौत की सूचना मिलने के बाद पुलिस दल को घटनास्थल के लिए रवाना किया गया और शव को बरामद कर उसे पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि हमलावरों का पता लगाने के लिए इलाके में तलाशी अभियान शुरू कर दिया गया है।
12 नक्सलियों ने किया सरेंडर
वहीं, नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले में एक इनामी माओवादी दंपती समेत 12 नक्सलियों ने सुरक्षाबलों के सामने सरेंडर किया है। जिले में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के सामने भैरमगढ एरिया कमेटी, गंगालूर एरिया कमेटी और नेशनल पार्क एरिया कमेटी के 12 नक्सलियों ने सुरक्षाबलों के सामने आत्मसमर्पण किया। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में नेशनल पार्क एरिया कमेटी के अंतर्गत प्लाटून नंबर दो में ‘प्लाटून पार्टी कमेटी मेंबर’ मुन्ना मोड़ियाम (23), मुन्ना की पत्नी जननी मोड़ियम (23) और राजू पूनेम (29) शामिल हैं। मुन्ना के सिर पर पांच लाख रुपये और जननी और राजू के सिर पर एक-एक लाख रुपये का इनाम था। (भाषा)
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